आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले के लिए मंगलवार शाम बीसीसीआई ने 15 सदस्यीय भारतीय क्रिकेट टीम की घोषणा की। विराट कोहली की अगुवाई में तैयार की गई इस 15 सदस्यीय टीम में जिस एक चीज पर काफी चर्चा हुई, वो हैं उन खिलाड़ियों के नाम जिनको इस टीम में जगह नहीं दी गई है। पांच खिलाड़ियों को टीम में जगह नहीं दी गई, जिसमें केएल राहुल की गैरमौजूदगी को लेकर फैंस बहुत नाराज हैं। इसके बाद फाइनल से एक शाम पहले गुरुवार को भारत की प्लेइंग-11 का भी ऐलान कर दिया गया।
इस टीम के ऐलान से पहले जिस चीज को लेकर काफी बातें हो रही थीं, वो थी भारत का गेंदबाजी आक्रमण। सवाल यही था कि टीम इंडिया 3+2 (तीन पेसर, दो स्पिनर) के फॉर्मूले के साथ उतरेगी, या फिर 4+1 (चार पेसर, एक स्पिनर)। जो 15 सदस्यीय टीम की घोषणा हुई उसमें शार्दुल ठाकुर की जगह उमेश यादव का नाम शामिल किया गया। हालांकि प्लेइंग-11 में उमेश यादव को भी जगह नहीं मिली।
इन खिलाड़ियों को नहीं मिली जगह
भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीन खिलाड़ी चोटिल हो गए थे, उमेश यादव, मोहम्मद शमी और हनुमा विहारी। अब इन तीनों की 15 सदस्यीय टीम में वापसी हो गई थी। जबकि जिन खिलाड़ियों को 15 सदस्यीय टीम व उसके बाद घोषित हुई प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिली है, वो हैं- केएल राहुल, मयंक अग्रवाल, वॉशिंग्टन सुंदर, अक्षर पटेल, उमेश यादव, हनुमा विहारी, मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर।
पिछले कुछ मुकाबलों में चमके थे ये खिलाड़ी
जब 15 सदस्यी टीम का ऐलान हुआ तो नजरअंदाज किए गए खिलाड़ियों को लेकर चर्चा इसलिए भी हुई क्योंकि इनमें से कई खिलाड़ियों ने हाल में टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया था। शार्दुल ठाकुर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन टेस्ट में भारतीय जीत के नायकों में से एक रहे थे। शारदुल के अलावा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अंतिम-11 में शामिल रहे मयंक अग्रवाल और वाशिंगटन सुंदर को भी 15 सदस्यीय टीम से बाहर रखा गया था। जबकि इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के हीरो रहे स्पिनर अक्षर पटेल को भी टीम से बाहर रखा गया।
इस एक खिलाड़ी को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा
टीम से बाहर रखे गए खिलाड़ियों में से जिस एक खिलाड़ी को लेकर सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा चर्चा है, वो हैं केएल राहुल। फैंस हैरान-परेशान हैं कि राहुल को टीम में क्यों शामिल नहीं किया गया। फैंस का मानना है कि वो ओपनर शुभमन गिल या विकेटकीपर रिद्धिमान साहा से बेहतर विकल्प साबित हो सकते थे। राहुल अभ्यास मैच के दौरान विराट कोहली की विरोधी टीम के कप्तान भी थे। इसके अलावा उन्होंने अभ्यास मैच के दौरान ताबड़तोड़ शतकीय पारी भी खेली थी जिसने सबका दिल जीता था। फैंस ने राहुल को लेकर ऐसे-ऐसे ट्वीट किए..
इसके पीछे क्या है रणनीति, क्या है वजह?
केएल राहुल उस मैच में अच्छी लय में दिखे थे लेकिन उनकी नजरअंदाजगी से यह पता चलता है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के शुरूआती समय जो पहली पसंद के खिलाड़ी थे वे फिर से टीम में आ गये हैं। कोहली के पदभार संभालने के बाद से भारतीय टीम प्रबंधन की यह नीति रही है कि रिजर्व खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के बाद भी टीम में पहली पसंद के खिलाड़ियों को मौका मिले। दूसरे खिलाड़ियों को मौका तभी मिलता है जब कोई वरिष्ठ खिलाड़ी चोटिल हो जाता है। यही वजह है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन टेस्ट में अर्धशतक लगाने और सात विकेट चटकाने के बाद भी शारदुल की जगह उमेश को तरजीह दी गयी।
इसके अलावा रविचंद्रन अश्विन टीम में इकलौते विशेषज्ञ ऑफ स्पिनर हैं और रविंद्र जडेजा की वापसी का मतलब है कि अक्षर पटेल के लिए कोई जगह नहीं थी। वहीं, केएल राहुल और मयंक अग्रवाल को तभी मौका मिलेगा जब टीम प्रबंधन रोहित और गिल को पर्याप्त मौके दे देगा। रिद्धिमान साहा को आईसीसी के स्थानापन्न खिलाड़ी के नियम के कारण टीम में जगह मिली थी क्योंकि विकेटकीपर के चोटिल होने पर उसकी जगह दूसरा विकेटकीपर ही उतर सकता है। हालांकि प्लेइंग-11 में साहा को जगह नहीं मिली है।
WTC Final के लिए प्लेइंग-11 इस प्रकार है
विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे (उप-कप्तान), रोहित शर्मा, शुभमन गिल, रिषभ पंत (विकेटकीपर), ईशांत शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह।
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