IND vs ENG: रविंद्र जडेजा ने विदेश में अपने पहले शतक के बाद दिया ये बयान

Ravindra Jadeja's statement after his century at Edgbaston: इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच के दूसरे दिन शानदार शतकीय पारी खेलने के बाद रविंद्र जडेजा ने बताया कि विदेशी जमीन पर पहले शतक के क्या मायने हैं।

Ravindra Jadeja
रविंद्र जडेजा  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • भारत-इंग्लैंड पांचवां टेस्ट मैच
  • एजबेस्टन टेस्ट में शतक को लेकर उत्साहित हैं रविंद्र जडेजा
  • विदेशी जमीन पर पहला टेस्ट शतक जड़ने के बाद जडेजा ने दिया बयान

टीम इंडिया के दिग्गज अनुभवी ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने शनिवार को एजबेस्टन टेस्ट के दूसरे दिन शानदार शतक जड़ा। ये उनके करियर में विदेशी जमीन पर पहला टेस्ट शतक साबित हुआ। उन्होंने 194 गेंदों में 104 रनों की पारी खेली जबकि मैच के पहले दिन पंत के साथ छठे विकेट के लिए रिकॉर्ड 222 रनों की साझेदारी को भी अंजाम दिया। भारत की पारी 416 रन पर सिमटी जिसके बाद जडेजा ने अपनी इस शतकीय पारी को लेकर बेहद खास शब्द कहे।

रविंद्र जडेजा का मानना है कि इंग्लैंड के मुश्किल भरे हालातों में शतक जड़ने से बल्लेबाज के तौर पर उनकी प्रतिष्ठा में ही इजाफा नहीं होगा बल्कि यह उनके करियर में आत्मविश्वास बढ़ाने का काम भी करेगा। उन्होंने दिन के खेल के बाद कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं कि मैंने भारत के बाहर एक शतक जड़ा और वो भी इंग्लैंड में। एक खिलाड़ी के लिये यह बड़ी चीज है। मैं इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में बनाये गये इस शतक को आत्मविश्वास बढ़ाने के तौर पर लूंगा।’’

इंग्लैंड के कठिन हालात में शतक

जडेजा ने आगे कहा, ‘‘इंग्लैंड में आपको अपने शरीर के करीब से खेलना होता है क्योंकि अगर आप कवर ड्राइव और स्क्वेयर ड्राइवर खेलने की कोशिश करोगे तो आपका विकेट के पीछे और स्लिप में लपकने के मौके होते हैं। इसलिये मेरा ध्यान ऑफ-स्टंप से बाहर जा रही गेंदों को छोड़ने का था। मैंने सोचा कि उन्हीं गेंद को हिट करूंगा जो मेरे करीब होंगी। और भाग्यशाली रहा कि जो भी गेंद खेली, वो मेरे करीब थीं। आपको अपना ऑफ-स्ंटप जानना होता है और ऑफ स्टंप के बाहर जा रही गेंदों को छोड़ना होता है।’’

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अपने करियर का दूसरा शतक जड़ने वाले जडेजा ने कहा, ‘‘इंग्लैंड की परिस्थितियों में गेंद स्विंग करती है इसलिये आपको अपनी बल्लेबाजी में अनुशासन लाना होता है। आपको चौथे और पांचवें स्टंप की ओर जा रही गेंदों को खेलने के लिये चुनना होता है। 40, 50 और 70 रन के स्कोर पर आप अच्छी गेंद पर आउट हो सकते हो।’’

कम से कम खराब शॉट ना खेलूं

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सोच रहा था कि अगर मुझे अच्छी गेंद मिलती है तो मैं कुछ नहीं कर सकता लेकिन कम से कम मुझे खराब शॉट खेलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और बाउंड्री लगाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। अगर गेंद मेरी रेंज में आती है तो मैं इसे हिट करूंगा।’’ सौराष्ट्र के इस ऑलराउंडर ने कहा कि वह ‘टैग’ में विश्वास नहीं करते। उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुद को कोई ‘टैग’ नहीं देना चाहूंगा। टीम की जरूरत जो भी होगी, मैं उसी के अनुसार खेलने की कोशिश करूंगा। बतौर आल राउंडर ऐसी भी स्थिति आती है जब आपको रन जोड़ने होते हैं और टीम के लिये मैच बचाना या जीतना होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गेंदबाजी में आपसे विकेट लेने की उम्मीद होती है। टीम को जो भी जरूरत होती है, मैं ऐसा करने की कोशिश करता हूं।’’

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