खिलाड़ियों की जिंदगी इतनी आसान होती नहीं जितनी दिखती है। मेहनत से लेकर मानसिक ताकत तक, सब कुछ चाहिए होता है एक शीर्ष स्तरीय खिलाड़ी बनने के लिए। भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद सिराज भी इसी का एक उदाहरण हैं। अपनी मेहनत और लगन के दम पर इस युवा तेज गेंदबाज ने भारतीय टीम तक का सफर तय किया और अब वो मजबूत होते जा रहे हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरा में एक पल ऐसा आया था जिसने उनको हिला डाला था। भारत में उनके पिता का देहांत हो गया था। ऐसे समय पर अगर उन्हें मैदान पर उतरना था, तो खुद को मानसिक रूप से मजबूत करना था। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने ऐसे कठिन क्षण में कप्तान ना बनकर, एक बड़े भाई की भूमिका निभाई।
भारत के पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कई भारतीय खिलाड़ी चोटिल हुए थे और इसी के चलते मोहम्मद सिराज को टेस्ट एकादश में जगह मिल गई। वो मैदान पर उतरे और बेहद शानदार अंदाज में गेंदबाजी करते हुए साबित कर दिया कि उनको ऑस्ट्रेलिया बुलाने का फैसला गलत नहीं था। उस दौरे पर उनका शानदार प्रदर्शन हमेशा याद रखा जाएगा। जब वो ऑस्ट्रेलिया पहुंचे ही थे, तभी खबर मिली कि भारत में उनके पिता का देहांत हो गया। वो अपने पिता के बेहद करीब थे और उनके करियर में भी उनकी बड़ी भूमिका थी। ऐसे में परिवार ने उनको वहीं रहकर देश के लिए खेलने को कहा जो बड़ा फैसला था।
विराट ने दिया हौसला
सीरीज के पहले टेस्ट मैच में विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया में मौजूद थे। भारत के 27 वर्षीय तेज गेंदबाज सिराज ने 'टाइम्सऑफइंडिया.कॉम' से बातचीत करते हुए बताया है कि कैसे विराट कोहली उनके कमरे में आए थे और उनसे बातचीत करके हिम्मत दी थी। सिराज ने कहा, "उन्होंने (विराट) मेरा हर पल साथ दिया है। वो हर परिस्थिति में मेरे साथ खड़े हुए हैं। मुझे आज भी याद है कि मैं होटल के अपने कमरे में रो रहा था। विराट भइया मेरे कमरे में आए और मुझे कसकर गले लगा लिया और बोले मैं तुम्हारे साथ हूं, चिंता मत करो। उन शब्दों ने मुझे बहुत हिम्मत दी।"
करते रह थे मैसेज और कॉल
सिराज के मुताबिक बेशक विराट कोहली उस दौरे पर सिर्फ पहला टेस्ट खेलने के लिए मौजूद थे जिसके बाद वो अवकाश पर चले गए थे, लेकिन उसके बावजूद फोन पर मैसेज और कॉल करते हुए वो हमेशा सिराज से जुड़े रहे। सिराज ने बताया, "उन्होंने उस दौरे पर सिर्फ एक टेस्ट खेला था लेकिन उनके मैसेज और कॉल मेरा मनोबल बढ़ाते रहे, इसीलिए मैं अच्छा प्रदर्शन कर सका। यही नहीं, आरसीबी के लिए भी मेरा सीजन अच्छा नहीं रहा था लेकिन वो हमेशा मेरा समर्थन करते हुए खड़े रहे। उन्होंने मेरा बहुत साथ दिया है।"
'मेरा करियर उनकी वजह से है'
मोहम्मद सिराज ने आगे कहा, "ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मैंने अपने पिता को खो दिया था। मैं टूट चुका था और पूरी तरह होश में नहीं था। वो विराट भईया ही थे जिन्होंने मुझे हिम्मत और समर्थन दिया। मेरा करियर विराट भईया की वजह से है।"
कोच रवि शास्त्री के बारे में भी बताया
हैदराबाद के इस शानदार तेज गेंदबाज ने रवि शास्त्री की भी तारीफ की और कहा, "रवि सर हमेशा कहते रहे, तू चैंपियन बॉलर है हमारी टीम का। वो मुझे पीठ और कंधे पर हाथ मारकर शाबाशी देते थे। उन कठिन हालातों में उन्होंने मुझे नेट्स में खूब गेंदबाजी करने का हौसला दिया। इस उम्र में भी वो जोश से भरे हैं।"
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