वीजा मिलने के बावजूद पाकिस्तान दौरे पर नहीं गए जिंबाब्वे के कोच लाल चंद राजपूत, ये है वजह

क्रिकेट
भाषा
Updated Oct 20, 2020 | 20:11 IST

जिंबाब्वे क्रिकेट टीम के साथ पाकिस्तान दौरे पर टीम के हेड कोच लाल चंद राजपूत नहीं गए, इसने किया था बोर्ड से उन्हें छूट देने का अनुरोध।

Lal Chand Rajput
लाल चंद राजपूत  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • जिंबाब्वे की टीम पाकिस्तान दौरे पर अपने मुख्य कोच के बगैर पहुंची है
  • वीजा मिलने के बावजूद लालचंद राजपूत किया पाकिस्तान नहीं जाने का फैसला
  • क्रिकेट जिंबाब्वे ने इस मामले पर बयान जारी किया है

कराची: जिम्बाब्वे क्रिकेट (जेड.सी.) ने बताया कि हरारे स्थित भारतीय दूतावास से सीमित ओवरों की श्रृंखला के लिए कोच लालचंद राजपूत को पाकिस्तान दौरे से छूट देने की मांग करने के बाद उन्होंने टीम के साथ यात्रा नहीं की।

जिम्बाब्वे क्रिकेट की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारतीय दूतावास के निवेदन पर राजपूत इस दौरे का हिस्सा नहीं होंगे। राजपूत की गैरमौजूदगी में गेंदबाजी कोच डगलस होंडो कोच की जिम्मेदारी को निभाएंगे। जेड.सी. ने ट्वीट किया, 'हरारे स्थित भारतीय दूतावास से राजपूत को पाकिस्तान दौरे से छूट देने की मांग के बाद वह इस दौरे पर नहीं जाएंगे। हरारे स्थित पाकिस्तान दूतावास ने उन्हें वीजा जारी कर दिया था।'

ट्वीट के मुताबिक, 'राजपूत की गैरमौजूदगी में गेंदबाजी कोच डगलस होंडो तीन मैचों की एकदिवसीय और इतने ही मैचों की टी20 श्रृंखला में टीम के लिए इस जिम्मेदारी को निभाएंगे।'

जिम्बाब्वे को 30 अक्टूबर से शुरू होने वाली श्रृंखला में रावलपिंडी में तीन एकदिवसीय मैच के बाद लाहौर में तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने हैं। टीम मंगलवार को यहां पहुंच गयी। 'ईएसपीएक्रिकइंफो' के मुताबिक राजपूत के लिए छूट की मांग '(भारतीय) सरकार के अपने नागरिकों के लिए यात्रा दिशानिर्देश' के तहत की गयी थी।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के प्रवक्ता ने इसे जिम्बाब्वे क्रिकेट का आंतरिक मामला करार दिया। उन्होंने कहा, 'जिम्बाब्वे क्रिकेट अधिकारियों को हरारे में पाकिस्तान उच्चायोग से लालचंद राजपूत के लिए वीजा मिल गया था। वह अगर दौरे पर नहीं आये हैं तो यह जिंबाब्वे क्रिकेट और राजपूत के बीच का अंदरूनी मामला है।'

पीसीबी के एक शीर्ष सूत्र ने हालांकि कहा कि भारत सरकार के निर्देशों ने राजपूत को पाकिस्तान का दौरा करने की अनुमति नहीं दी, जिससे बोर्ड में कुछ चिंता है। दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों के कारण भारत और पाकिस्तान का कोई द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध नहीं है। सूत्र ने कहा, 'यह चिंताएं वाजिब हैं क्योंकि पीसीबी भारत में होने वाले टी20 विश्व कप (2021) के लिए आईसीसी और बीसीसीआई से अगले साल जनवरी-फरवरी तक टीम के लिए वीजा मिलने की पुष्टि का इंतजार कर रहा है।'

उन्होंने कहा, 'वीजा जारी होने के बाद राजपूत को पाकिस्तान आने से रोकने का कोई मतलब नहीं था। पीसीबी दौरे पर आने वाली टीमों को नियमानुसार सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा और आतिथ्य प्रदान करने के लिए बाध्य है।' जिम्बाब्वे का यह 2015 के बाद पहला पाकिस्तान दौरा है।

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