VVS Laxman : लक्ष्मण को हमेशा रहा यह अफसोस, काश द्रविड़ से सीख ले लेता तो वनडे क्रिकेट में भी होती उनकी धाक

VVS Laxman : क्रिकेट जगत में वीवीएस लक्ष्मण को वैरी-वैरी स्पेशल के नाम से जाना जाता है। इस पूर्व बल्लेबाज ने टेस्ट क्रिकेट में कई यादगार पारियां खेली हैं। लेकिन काफी प्रतिभावान होने के बावजूद वह वनडे क्रिकेट में ज्यादा कमाल नहीं दिखा सके। यही कारण है कि आज भी उन्हें अफसोस होता है कि यदि वह अपने जिगरी दोस्त और पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ से कुछ सीख ले लेते तो शायद वनडे क्रिकेट में भी उनकी धाक होती।

VVS Laxman with Rahul dravid
Laxman and Dravid  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • लक्ष्मण और द्रविड़ ने साल 1996 में किया था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आगाज
  • टेस्ट क्रिकेट में लक्ष्मण के नाम ढेरों रिकॉर्ड दर्ज हैं
  • लंबे शॉट ना लगा पाने के कारण ज्यादा वनडे मैच नहीं खेल सके

VVS Laxman : दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण का टेस्ट करियर बेहद ही शानदार रहा है। उनकी तकनीक काफी शानदार थी, वह खेलते हुए काफी आकर्षक लगते थे और पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन की तरह कलाई के जादूगर थे, जो ऑफ साइड से बार जाती गेंद को भी आसानी से लेग साइड पर खेल देते थे। बल्लेबाजी में इतनी खूबियां होने के बावजूद लक्ष्मण कभी वनडे क्रिकेट में धाक नहीं जमा सके, जबकि उनके साथी बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ना सिर्फ काफी समय तक वनडे क्रिकेट खेले बल्कि कप्तान भी बने।  

मैं द्रविड़ की तरह खुद को अपडेट नहीं कर सका

वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने करीब-करीब एक ही साथ अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू किया था। दोनों ने टेस्ट मैचों में कई लंबी और यादगार साझेदारियां कीं और दोनों में काफी अच्छी दोस्ती भी थी। लक्ष्मण से जब एक इंटरव्यू में यह पूछा गया कि टेस्ट क्रिकेट में शानदार बल्लेबाजी के बावजूद वह वनडे क्रिकेट में क्यों लंबे समय तक नहीं खेल सके तो उन्होंने कहा, सच कहूं तो टीम में जब वीरेंद्र सहवाग और युवराज सिंह जैसे विस्फोटक बल्लेबाज आए तो जगह बनाना काफी मुश्किल हो गया था। मैंने तेज बल्लेबाजी करने की काफी कोशिश की लेकिन मैं सफल नहीं हो सका। इस कारण मेरे लिए वनडे टीम में जगह बनाना काफी मुश्किल हो गया था।

लेकिन राहुल ने हिम्मत नहीं हारी

वीवीएस लक्ष्मण ने कहा कि शुरुआत में द्रविड़ मेरे से भी धीमी बल्लेबाजी किया करते थे। लेकिन उन्होंने समय के साथ अपनी बल्लेबाजी के स्टाइल में जबरदस्त बदलाव किया क्योंकि उन्हें वनडे क्रिकेट भी खेलना था और वह कभी हिम्मत नहीं हारते। इसी का नतीजा है कि वह बाद में लंबे समय तक वनडे टीम में खेले। 

विकेटकीपिंग कर सभी को चौका दिया

लक्ष्मण ने कहा कि द्रविड़ का एक फैसला मील का पत्थर साबित हुआ, जिसने मुझे भी चौंका दिया। वनडे टीम में जगह बनाने के लिए द्रविड़ ने विकेटकीपिंग करनी शुरू कर दी। लक्ष्मण ने कहा, जब द्रविड़ ने विकेटकीपिंग करना शुरू किया तो मुझे लगा कि काश मैं भी यह काम कर पाता तो शायद वनडे टीम में मेरी जगह बन जाती। हालांकि लक्ष्मण ने कहा कि विकेटकीपिंग करना द्रविड़ का बेहद साहसिक फैसला था क्योंकि उन्होंने आखिरी बार ऐसा 15 साल की उम्र में किया था। लेकिन अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने बतौर विकेटकीपर भारतीय टीम में जगह पक्की कर ली।

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