IND vs ENG: 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब जीतकर केएल राहुल बोले- 'मैं रोज सुबह उठकर वो बोर्ड देख रहा हूं'

KL Rahul on getting man of the match award: भारतीय ओपनर केएल राहुल को 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब मिला और लॉर्ड्स टेस्ट में जब भारत को जीत मिली, तो इसके बाद उनका बयान दिलचस्प था।

KL Rahul on Lords victory
KL Rahul on Lords victory  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स टेस्ट में मेहमान भारतीय टीम रही विजयी
  • टीम इंडिया ने 151 रन से मैच जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल की
  • मैच में शतक जड़ने वाले भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल को 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब दिया गया

लंदन के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच खेले गए दूसरे टेस्ट मैच का अंतिम दिन रोमांच से भरपूर रहा। भारत ने अपने पुछल्ले बल्लेबाजों (शमी और बुमराह) की शानदार पारियों के दम पर इंग्लैंड को 272 रनों का लक्ष्य दिया। जवाब में उतरी इंग्लिश टीम महज 120 रन पर सिमट गई और भारत ने 151 रनों से विशाल जीत दर्ज की, साथ ही सीरीज में 1-0 की बढ़त भी बना ली। इस मैच में 'मैन ऑफ द मैच' के कई दावेदार थे लेकिन ये खिताब पहली पारी में शतक जड़ने वाले केएल राहुल (KL Rahul) को दिया गया। मैच के बाद राहुल ने दिलचस्प बयान दिया।

टीम इंडिया के लिए ओपनिंग करने उतरे केएल राहुल ने लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में 250 गेंदों पर 129 रनों की शानदार पारी खेली। इसी पारी के दम पर भारत ने पहली पारी में 364 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया जो लॉर्ड्स की पिच पर काफी साबित हुआ। लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड की पुरानी इमारत में ड्रेसिंग रूम के नीचे एक हॉनर्स बोर्ड (Honours Board) लगा है जिसमें इस मैदान के शतकवीरों का नाम लिखा जाता है। इसी को लेकर केएल राहुल से सवाल हुआ।  

लॉर्ड्स क्रिकेट जगत का सबसे प्रतिष्ठित व पुराना मैदान माना जाता है, यहां की सम्मान पट्टिका (हॉनर्स बोर्ड) अपना नाम दर्ज कराना बड़ी बात मानी जाती है। राहुल का नाम अब इस पर लिख दिया गया है। इसके बारे में राहुल ने मैच के बाद कहा, ‘‘मैं उस बोर्ड को रोज देख रहा हूं कि क्या उन्होंने मेरा नाम लिख दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए हमें अच्छी शुरुआत देनी थी। पहली पारी में 350 से अधिक रन बनाना जरूरी था और हमने वही किया। हम आगे भी ऐसा प्रदर्शन जारी रखेंगे।’’

केएल राहुल के लिए ये सीरीज काफी खास इसलिए भी है क्योंकि दौरे पर जब वो आए थे तब उनका नाम शीर्ष-11 में भी नहीं लिया जा रहा था। उनको अतिरिक्ति खिलाड़ी मानकर भारतीय दल में रखा गया था, लेकिन मयंक अग्रवाल के चोटिल होने से राहुल के लिए रास्ता खुला और इस खिलाड़ी ने इस मौके का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में शतक के अलावा, उससे पहले नॉटिंघम टेस्ट में भी राहुल ने 84 और 26 रनों की पारियां खेली थीं, हालांकि वो मैच बारिश के कारण पूरा नहीं हो सका था।

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