नई दिल्ली: वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग का मानना है कि सितारों से सजे बल्लेबाजी क्रम के बावजूद भारतीय टीम को महेंद्र सिंह धोनी के ‘कौशल और रवैये’ की कमी खल रही है जो बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए काफी काम आते थे। भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में 375 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 66 रन से हरा का सामना करना पड़ा। होल्डिंग ने यूट्यूब चैट शो ‘होल्डिंग नथिंग बैक’ में कहा ,'भारत के लिए लक्ष्य का पीछा करना कठिन था। भारत को महेंद्र सिंह धोनी की कमी खली।' उन्होंने कहा, 'धोनी आम तौर पर बल्लेबाजी क्रम में निचले हाफ में उतरते हैं और लक्ष्य का पीछा करते हुए नियंत्रण बना लेते हैं। उनके टीम में रहते भारत ने अतीत में लक्ष्य का बखूबी पीछा किया है।'
'भारत को धोनी जैसे खिलाड़ी की जरूरत'
उन्होंने कहा, 'भारत के पास काफी प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं जो स्ट्रोक्स खेलने में माहिर है। हार्दिक ने शानदार पारी खेली लेकिन फिर भी भारत को धोनी जैसे खिलाड़ी की जरूरत थी। सिर्फ कौशल ही नहीं बल्कि रवैये के मामले में भी।' होल्डिंग ने कहा कि भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी के रहते आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहती थी। उन्होंने कहा ,'वे टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण से नहीं डरते थे क्योंकि उन्हें पता था कि एमएस धोनी क्या कर सकता है और उनके बल्लेबाज कितने सक्षम हैं।'
'महेंद्र सिंह धोनी की बात ही अलग थी'
उन्होंने कहा ,'लक्ष्य का पीछा करते समय धोनी कभी घबराते नहीं थे। उन्हें अपनी क्षमता का पता था और वे विचलित नहीं होते थे। जो भी साथ में बल्लेबाजी करता था, वह उससे बात करते रहते और उसकी मदद करते थे। भारत का बल्लेबाजी क्रम शानदार है लेकिन लक्ष्य का पीछा करने में धोनी की बात ही अलग थी।' होल्डिंग ने भारत के लचर क्षेत्ररक्षण की भी आलोचना की। उन्होंने कहा,'सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) बड़ा मैदान है लेकिन भारतीयों की फील्डिंग बेहद औसत रही। गेंद क्षेत्ररक्षकों के सिर के ऊपर से निकल गई लेकिन छक्का नहीं हुआ। सीमारेखा से इतना दूर नहीं रहना चाहिये था।'
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