Throwback: जब गेंदबाज जानबूझकर वाइड बॉल फेंकने लगा, फील्डर बन गए पुतला, फिर अंपायरों ने तो हद कर दी

Cricket History mein aaj ki taareekh, 31st August| अगस्त का अंतिम दिन, क्रिकेट इतिहास में यूं तो इस तारीख को ना जाने कितने मैच खेले गए होंगे लेकिन 1937 में काउंटी क्रिकेट का एक मैच सबसे अनोखा रहा था।

Today in Cricket History, 31st August
क्रिकेट इतिहास में आज का दिन  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • क्रिकेट इतिहास में आज की तारीख - 31 अगस्त
  • मिडिलसेक्स और सर्रे क्रिकेट क्लब के बीच काउंटी चैंपियनशिप का सबसे अजीबोगरीब मैच
  • एक ऐसा विवादित मैच जहां खिलाड़ियों से लेकर अंपायर्स तक, सभी सवालों के घेरे में आ गए थे

क्रिकेट के मैदान पर कई ऐसे रिकॉर्ड्स व आंकड़े बनते हैं जो सदा के लिए यादगार हो जाते हैं। कुछ ऐसी जीत और हार भी होती हैं, जिन्हें भुलाना मुश्किल होता है। वहीं, कुछ मैच ऐसे भी होते हैं जो विवादों के कारण चर्चा का विषय बनते हैं और सालों तक याद किए जाते हैं। ऐसा ही एक विवादित मैच 1937 में इंग्लैंड की प्रतिष्ठित काउंटी क्रिकेट चैंपियनशिप में खेला गया था। इस प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच में टूर्नामेंट की दो दिग्गज टीमें- मिडिलसेक्स और सर्रे आमने-सामने थीं। आखिर 31 अगस्त आते-आते इस मैच में क्या कुछ हुआ था, आइए जानते हैं।

कब और कहां हुआ था मैच

इंग्लैंड की प्रतिष्ठित काउंटी क्रिकेट चैंपियनशिप में दुनिया के तमाम खिलाड़ी दशकों से खेलते आए हैं। आज से 84 साल पहले भी ये परंपरा जारी थी जब काउंटी टूर्नामेंट एक खास टूर्नामेंट के रूप में देखा जाता था। साल 1937 के काउंटी सीजन में 28 से 31 अगस्त के बीच मिडिलसेक्स और सर्रे क्रिकेट क्लब के बीच चार दिवसीय प्रथम श्रेणी मैच खेला गया था। ये मुकाबला सबसे प्रतिष्ठित व ऐतिहासिक लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान पर आयोजित हुआ था।

कप्तान फेंकने लगा वाइड और नो-बॉल

उस मैच में सर्रे टीम के कप्तान एरॉल होम्स अंतिम दिन अचानक वाइड और नो-बॉल फेंकने लगे थे। वो जानबूझकर ऐसा कर रहे थे और सभी ये नजारा देखकर हैरान थे। यही नहीं, जिन गेंदों पर शॉट लग रहे थे, उन पर फील्डर भी नहीं हिल रहे थे, मानो सब पुतले बन गए थे। कोई भी फील्डर गेंद रोकने का प्रयास नहीं कर रहा था। सबका लक्ष्य सिर्फ एक था, ताकि जल्दी-जल्दी रन बनें और उस आंकड़े तक पहुंचे जहां पर उन्हें नई बॉल मिल सके। दरअसल, उन दिनों नई बॉल आपको ओवर्स के आधार पर नहीं, बल्कि कितने रन बने, इस आधार पर दी जाती थी।

अंपायरों ने तो हद ही कर दी, एक कदम आगे निकले

मिडिलसेक्स के बल्लेबाज भी समय बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि नई बॉल आए और सर्रे के तेज गेंदबाज उन पर हावी हो जाएं। सभी खिलाड़ी अजीबोगरीब हरकतें कर रहे थे और मैदान पर आए दर्शकों को कुछ समझ नहीं आ रहा था और धीरे-धीरे ये गुस्से में भी तब्दील होने लगा था। ऐसे में अंपायरों ने कुछ ऐसा किया जो सबसे अजीब वाकया रहा। अंपायरों ने स्टंप्स उखाड़ दिए, यानी मैच समाप्त। दरअसल, अंपायरों से विरोधी टीम ने खराब रोशनी की शिकायत की और अंपायरों ने भी उनकी शिकायत को मान लिया, जबकि सबसे दंग करने वाली बात ये थी कि पूरा मैदान धूप में नहाया हुआ था। खराब रोशनी के कारण मैच खत्म करने का कोई सवाल ही नहीं था। दर्शक दोनों टीमों व अंपायरों से बहुत नाराज हुए और बाद में इस मैच पर जांच भी बैठाई गई।

क्या थे दोनों टीमों के स्कोर और किसका दिल बीच मैच टूट गया था

दरअसल, मिडिलसेक्स की टीम जब वो मैच खेलने मैदान पर उतरी थी, तब वो और यॉर्कशायर की टीम, दोनों ही खिताब की दौड़ में सबसे आगे चल रही थीं। दोनों क्लब अंकों के मामले में लगभग बराबरी पर ही थे। लेकिन जब इधर मिडिलसेक्स खेल रही थी, तभी बीच मैच खबर आई कि एक अन्य मैदान पर चल रहे मैच में यॉर्कशायर ने हैंपशायर को 10 विकेट से मात देकर खिताब पर कब्जा कर लिया है। इससे मिडिलसेक्स का दिल ऐसा टूटा कि 21 रन के अंदर उनके 4 विकेट गिर गए।

इस मैच में सर्रे की टीम ने पहली पारी में 509 रन बनाए थे। जवाब देने उतरी मिडिलसेक्स की टीम को यॉर्कशायर के जीतने के खिताब जीतने की बुरी खबर मिली और वे 419 पर ऑलआउट हो गए। इसके बाद सर्रे ने अपनी दूसरी पारी में 6 विकेट पर 204 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। अंतिम पारी में मिडिलसेक्स के सामने 295 रनों का लक्ष्य था, लेकिन वे 158 रन पर 7 विकेट गंवा चुके थे। उसी समय विवाद शुरू हुआ और अंपायरों के अजीबोगरीब फैसले के बाद मैच को ड्रॉ घोषित कर दिया गया।

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