मिस्‍बाह को कोच बनाने के लिए पीसीबी पर भड़के युसूफ, कहा- क्‍लब स्‍तर का भी अनुभव नहीं

Mohammad Yousuf slams PCB: पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड के मिस्‍बाह उल हक को कोच बनाने पर भड़क गए पूर्व क्रिकेटर मोहम्‍मद युसूफ। उन्‍होंने कहा कि मिस्‍बाह को क्‍लब स्‍तर की कोचिंग का भी अनुभव नहीं है।

misbah ul haq
मिस्‍बाह उल हक 
मुख्य बातें
  • मिस्‍बाह को पाकिस्‍तान का कोच बनाने से प्रभावित नहीं है मोहम्‍मद युसूफ
  • युसूफ ने कहा कि मुझे बोर्ड के दोहरा मापदंड समझ नहीं आता
  • युसूफ ने कहा कि मिस्‍बाह में कोई शैली नहीं, उनका एक तरह का खेल है

कराची: पाकिस्‍तान के पूर्व कप्‍तान मोहम्‍मद युसूफ ने मिस्‍बाह उल हक को हेड कोच और चयनकर्ता बनाने के पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड के फैसले की कड़ी आलोचना की है। युसूफ ने एक इंटरव्‍यू में कहा, 'मुझे बोर्ड के यह दोहरे मापदंड समझ नहीं आते। एक तरफ वह सभी से कोचिंग की क्‍वालीफिकेशन मांगते हैं और फिर मिस्‍बाह को हेड कोच बना देते हैं, जबकि उन्‍हें क्‍लब स्‍तर पर भी कोचिंग करने का अनुभव नहीं है।'

युसूफ ने आगे कहा, 'मिस्‍बाह को कोचिंग का अनुभव नहीं है। उनकी नियुक्ति मेरिट वाले खिलाड़‍ियों का मजाक बनाना है। एक और मजे इस बात से लिए गए कि उन्‍हें पाकिस्‍तान सुपर लीग में कोचिंग की अनुमति दी गई ताकि वह कोचिंग का कुछ अनुभव हासिल कर सके।' 90 टेस्‍ट और 288 वनडे मैचों के अनुभवी युसूफ ने मिस्‍बाह पर ईमानदार नहीं होने का आरोप भी लगाया।

मिस्‍बाह यह चाहते ही नहीं: युसूफ

युसूफ ने कहा, 'मैंने हाल ही में मिस्‍बाह की मीडिया से बातचीत देखी। वह इस दौरान ईमानदारी और अतुल्‍नीयता व इससे संबंधित बात कर रहा था। जब वह खुद कप्‍तान था तो अजहर अली को कभी वनडे टीम में शामिल नहीं होने दिया।' अजहर अली अब पाकिस्‍तान के टेस्‍ट कप्‍तान हैं। उन्‍हें जनवरी 2013 से अप्रैल 2015 तक वनडे टीम में सिलेक्‍ट नहीं किया गया था।

युसूफ ने कहा कि मिस्‍बाह नहीं चाहते थे कि अजहर वनडे में खेले क्‍योंकि ये दोनों एक जैसे बल्‍लेबाज ही हैं। युसूफ ने कहा, 'मेरी नजर में अजहर शैली और क्षमता के मुताबिक अजहर अली बेहतर बल्‍लेबाज थे। मगर चूकि उन्‍हें ओपनर या तीसरे नंबर पर खेलना होता था तो वह क्रीज पर जमने के लिए कुछ समय लेते थे। मिस्‍बाह उनसे ऐसा नहीं चाहते थे क्‍योंकि वह खुद भी क्रीज पर जमने के लिए समय लेते थे और धीमे खेलते थे।'

युसूफ के मुताबिक मिस्‍बाह औसत दर्जे के बल्‍लेबाज थे। उन्‍होंने कहा, 'मिस्‍बाह उल हक में कोई शैली नहीं थी। वह एक जैसा खेल खेलते थे। वह अधिकांश डिफेंसिव होकर खेलते थे और तभी मौका लेते थे जब कोई स्पिनर आक्रमण पर लगा हो।'

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