नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी करीब पांच महीने से क्रिकेट के मैदान से दूर हैं। उन्होंने लंबे समय से टीम इंडिया के लिए मैच फिनिश नहीं किया है । धोनी के लंबे-लंबे छक्के, विकेट के बीच तेजी से रन दौड़ना, दबाव की स्थिति में भी शांत रहना कुछ ऐसी चीजें हैं, जिसकी टीम इंडिया को काफी कमी खल रही है। रिषभ पंत को सीमित ओवर क्रिकेट में धोनी की कमी पूरी करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ने अब तक मिले मौकों का फायदा नहीं उठाया और टीम में उनकी जगह भी पक्की नहीं बची है। रिषभ पंत अपना विकेट थ्रो करने के लिए जाने जाते हैं। धोनी ने खुलासा किया कि जब वह नंबर-6 पर बल्लेबाजी करने जाते हैं तो किस सोच के साथ क्रीज पर पहुंचते हैं।
कई बार देखने को मिला है कि बल्लेबाज रन बनाने की जल्दबाजी में दिखता है। पारी के आखिरी के कुछ ओवर बचे हो, फिर चाहे पहले बल्लेबाजी हो या दूसरी- कुछ बल्लेबाज क्रीज पर आते ही तेजी से रन जुटाने में लग जाते हैं। इस प्रक्रिया में वह कभी जल्दी अपना विकेट भी गंवा देते हैं। धोनी ने इस स्थिति के बारे में बात करते हुए सलाह दी कि नंबर-6 बल्लेबाज के लिए वनडे में 15 गेंदों में 25 रन बनाना खराब नहीं है।
धोनी ने कहा, 'प्रैक्टिकल सोच होना बहुत जरूरी है। अगर मैं नंबर-6 पर बल्लेबाजी कर रहा हूं और 15 गेंदें खेली है, उसमें 25-30 रन बनाए हैं तो यह बहुत अच्छा है। शानदार प्रदर्शन है। मगर इसी समय बाधाएं भी हैं। आप अपनी टीम के लिए रन बनाना चाहते हैं और बड़े शॉट खेलना चाहते हैं, लेकिन इससे आप अपना विकेट गंवा सकते हैं। इसलिए आपको पहले ही सोचकर रखना चाहिए कि आपका लक्ष्य क्या होगा।'
38 साल के धानी को दुनिया की सबसे शानदार क्रिकेट दिमाग वालों में से एक माना जाता है। उन्होंने आगे कहा कि उन चीजों पर ध्यान देना चाहिए जो हमारे नियंत्रण में हो न कि उन पर, जिन पर कोई नियंत्रण नहीं हो। धोनी ने कहा, 'जैसा कि मैं पहले ही कह चुका हूं, चीजों पर नियंत्रण रखना जरूरी है। आपको इस पर काम करना होता है। सफल होने के लिए यह प्रक्रिया काफी महत्वपूर्ण है।'
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