नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व ओपनर मुरली विजय आगामी सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हिस्सा नहीं लेंगे। तमिलनाडु के क्रिकेटर ने कोविड-19 वैक्सीन लेने से इंकार कर दिया और बताया कि वह बबल लाइफ से नहीं गुजरना चाहते हैं। बीसीसीआई ने एसओपी रिलीज की थी और राज्य संघों को ऐसा करने के निर्देश दिए थे। बीसीसीआई एसओपी में अनिवार्य कर रखा है कि टूर्नामेंट शुरू होने से एक सप्ताह पहले खिलाड़ियों को बबल में रहना होगा और जब तक वो टीम का हिस्सा होंगे तो बबल में रहना जारी रखना होगा।
विजय इन एसओपी को फॉलो करने के लिए तैयार नहीं थे और इसका नतीजा यह रहा कि 37 साल के खिलाड़ी को टूर्नामेंट के लिए तमिलनाडु की टीम में सेलेक्ट नहीं किया गया। सूत्र ने कहा, 'यह विजय का निजी फैसला है। वह वैक्सीन लेने में घबरा रहे हैं। बीसीसीआई की एसओपी में कहा गया कि एक खिलाड़ी को टूर्नामेंट शुरू होने से एक सप्ताह पहले बबल में रहने की जरूरत है और फिर जब तक वो टीम के साथ रहेगा तब तक बबल में रहेगा। मगर विजय इसके लिए तैयार नहीं थे। तमिलनाडु के चयनकर्ताओं ने उन्हें नहीं चुना।'
सूत्र ने आगे बताया कि तमिलनाडु के चयनकर्ताओं ने सेलेक्शन मीटिंग के दौरान मुरली विजय के नाम पर विचार तक नहीं किया। उन्होंने बताया कि अगर मुरली वैक्सीन लेने को तैयार भी हो जाते तो भी शायद उनका नाम टीम में नहीं आता। सूत्र ने बताया कि विजय को सेलेक्शन के लिए अपनी फिटनेस साबित करके देना पड़ती।
सूत्र ने कहा, 'चयनकर्ताओं ने बैठक में मुरली विजय के नाम पर विचार भी नहीं किया। घरेलू सीजन से पहले तमिलनाडु के संभावितों की लिस्ट में उनका नाम शामिल नहीं था। तो वो अगर वैक्सीन लेने को तैयार हो जाते और वापसी करना चाहते तो उनके लिए रास्ता लंबा होता। उन्हें ऐसे ही नहीं चुना जाता। मुरली विजय को अपनी फिटनेस साबित करना पड़ती और तमिलनाडु के लिए दोबारा चयनित होने के लिए कुछ मैच खेलने पड़ते।'
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