दोषी पाई गईं बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की बेटी रूपा गुरुनाथ

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Updated Jun 03, 2021 | 21:15 IST

Former BCCI chief N Srinivasan's daughter Rupa Gurunath found guilty: बीसीसीआई के पूर्व प्रमुख एन श्रीनिवासन की बेटी व टीएनसीए प्रमुख रूपा गुरुनाथ को दोषी पाया गया है।

N Srinivasn with CSK captain MS Dhoni
N Srinivasn with CSK captain MS Dhoni (File photo)  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • एन श्रीनिवासन की बेटी रूपा गुरुनाथ दोषी पाई गईं
  • नैतिकता अधिकारी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डीके जैन द्वारा हितों के टकराव मामल में दोषी पाया
  • तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) की अध्यक्ष हैं रूपा गुरुनाथ

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के नैतिकता अधिकारी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डीके जैन ने बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की बेटी और तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) की अध्यक्ष रूपा गुरुनाथ को गुरुवार को ‘हितों के टकराव’ का दोषी पाया। बीसीसीआई की मान्यता प्राप्त इकाइयों की पहली महिला अध्यक्ष रूप इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड (आईसीएल) की पूर्णकालिक निदेशक हैं। आईसीएल के चेन्नई सुपकिंग्स क्रिकेट लिमिटेड (सीएसकेसीएल) से करीबी संबंध के कारण रूपा को हितों के अप्रत्यक्ष टकराव का दोषी पाया गया है।

जैन ने 13 पन्नों के आदेश में कहा कि सीएसकेसीएल आईसीएल समूह का हिस्सा है। सीएसकेसीएल के पास आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स का स्वामित्व है। टीएनसीए इस आदेश को अदालत में चुनौती दे सकता है। रूपा के खिलाफ शिकायत इंदौर के संजीव गुप्ता ने कराई थी जो मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के पूर्व आजीवन सदस्य हैं।

जैन ने अपने आदेश में लिखा,‘‘ये सभी तथ्य दर्शाते हैं कि आईसीएल समूह के अंतर्गत कई इकाइयों का जाल बुना गया जिसमें सीएसकेसीएल भी शामिल है। इन सभी इकाइयों का प्रबंधन और संचालन प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से आईसीएल के बोर्ड के पास था, इसके बावजूद बचाव पक्ष ने कहा कि आईसीएल की सीएसकेसीएल में कोई हिस्सेदारी नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा तथ्यात्मक हालात को देखते हुए यह निष्कर्ष निकालना सुरक्षित होगा कि प्रतिवादी (रूपा), आईसीएल की पूर्णकालिक निदेशक और प्रमोटर के रूप में, उनका आईसी शेयरहोल्डर्स ट्रस्ट एवं सीएसकेसीएल के निदेशकों से करीबी रिश्ता है जिनका बीसीसीआई के साथ फ्रेंचाइजी करार है। यह नियम 1 (1) के अंतर्गत हितों के टकराव का प्रारूप है।’’

यह जैन के अंतिम आदेशों में से एक हो सकता है क्योंकि उनका अनुबंध सात जून को खत्म हो रहा है और बीसीसीआई को फैसला करना है कि वे अनुबंध बढ़ाते हैं या नहीं। यह देखना रोचक होगा कि बीसीसीआई का रुख क्या रहेगा और वे रूपा को टीएनसीए अध्यक्ष पद से हटने के लिए कहते हैं या नहीं। बोर्ड राज्य संघ को इस फैसले के खिलाफ नए नैतिक अधिकारी के समक्ष या अदालत में अपील की स्वीकृति भी दे सकता है।

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