नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट इतिहास में आज का दिन बेहद खास है। 31 अक्टूबर 1987 के दिन चेतन शर्मा वनडे मैच में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने थे। चेतन शर्मा विश्व कप में हैट्रिक लेने वाले भी पहले गेंदबाज बने थे। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने रिलायंस विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ नागपुर में केन रदरफोर्ड, इयान स्मिथ और इवन चैटफील्ड को अपना शिकार बनाकर इतिहास रचा था।
बता दें कि न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। कीवी टीम ने निर्धारित 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 221 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय टीम ने 32.1 ओवर में एक विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया था। इस मैच के लिए सुनील गावस्कर (103*) और चेतन शर्मा (10 ओवर में 2 मेडन सहित 51 रन देकर तीन विकेट) को संयुक्त रूप से मैन ऑफ द मैच चुना गया था। भारतीय टीम इस मैच को जीतकर अपने ग्रुप में शीर्ष पर रही थी और सेमीफाइनल में प्रवेश किया था।
क्या आप जानते हैं कि इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखाने वाले चेतन शर्मा का 1987 विश्व कप में खेलना भी तय नहीं था। दरअसल, 1987 विश्व कप से दो सप्ताह पहले पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली में दोस्ताना मैच खेलते समय चेतन शर्मा को उंगली में चोट लग गई थी। स्कैन से पुष्टि हो चुकी थी कि वह विश्व कप में नहीं खेल पाएंगे। यह शर्मा के लिए किसी बड़े सदमे से कम नहीं था।
चेतन शर्मा ने कहा था कि विश्व कप में खेलना उनके लिए सबकुछ था और यह सपना चोट के कारण चकनाचूर होते दिख रहा था। पिछले एक साल में दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और फिर वह चोटिल हो गए। चयनकर्ताओं ने उनका विकल्प खोजना शुरू कर दिया था। मगर तभी कप्तान कपिल देव ने अपना दम दिखाया।
कपिल देव चेतन शर्मा को अपने गेंदबाजी आक्रमण का प्रमुख हथियार मानते थे। भारतीय कप्तान ने कहा कि मुझे चेतन शर्मा की चोट की कोई चिंता नहीं है। वो मैच विनर है और मुझे वो अपनी टीम में चाहिए। फिर शर्मा को चोट के बावजूद टीम में शामिल किया गया। शर्मा को पहले दो मैचों में मौका नहीं दिया गया और वह नेट्स पर भी कम ही गेंदबाजी कर रहे थे।
कपिल देव ने चेतन शर्मा को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में मौका दिया। वर्ल्ड कप डेब्यू में चेतन शर्मा विकेट नहीं ले सके और चार दिन बाद जिंबाब्वे के खिलाफ अहमदाबाद में 41 रन देकर दो विकेट लिए। फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबला बेहद अहम था।
भारतीय टीम को न्यूजीलैंड को बड़े अंतर से मात देना जरूरी था ताकि ग्रुप में शीर्ष पर रहते हुए सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर सके और पाकिस्तान की यात्रा टाल सके। यह दिन भी चेतन शर्मा का ही था। उन्होंने केन रदरफोर्ड, इयान स्मिथ और इवन चैटफील्ड को लगातार तीन गेंदों में क्लीन बोल्ड करके अपनी हैट्रिक पूरी की और इतिहास रच दिया। 21 साल के तेज गेंदबाज ने अपना नाम रिकॉर्ड्स बुक में दर्ज करा लिया। यह हैट्रिक अनोखी थी क्योंकि तीनों विकेट बोल्ड हुए थे। पहला विकेट मिडिल स्टंप, दूसरा विकेट ऑफ स्टंप और तीसरा विकेट लेग स्टंप। ऐसी चीज दोबारा कभी नहीं हुई।
चेतन शर्मा जब शाम को फ्लाइट पकड़ने गए तो वहां के स्टाफ ने तालियां बजाकर तेज गेंदबाज को बधाई दी। अगले दिन अखबारों में चेतन शर्मा छाए हुए थे।
जैसा कि हमने बताया कि भारतीय टीम को बड़े अंतर से न्यूजीलैंड को मात देना जरूरी थी। महान सुनील गावस्कर ने कहा कि आज मैं इन पर पूरी तरह हावी होकर खेलूंगा। भारत को पाकिस्तान की यात्रा टालने के लिए 44 ओवर के भीतर इस लक्ष्य को हासिल करना था। सुनील गावस्कर ने अपने वनडे करियर का एकमात्र शतक इसी दिन जमाया और केवल 88 गेंदों में 10 चौके व तीन छकके की मदद से नाबाद 103 रन बनाए।
गावस्कर को कृष श्रीकांत (75) का भी शानदार साथ मिला। दोनों ने पहले विकेट के लिए 136 रन की साझेदारी की थी। श्रीकांत ने 58 गेंदों में 9 चौके और तीन छक्के की मदद से 75 रन बनाए। इसके बाद मोहम्मद अजहरूद्दीन (41*) ने गावस्कर का साथ निभाया और भारत ने लक्ष्य केवल 32.1 ओवर में ही हासिल कर लिया। अजहर ने 51 गेंदों में पांच चौके की मदद से 41 रन बनाए थे।
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