क्रिकेट इतिहास कई ऐसे किस्सों से भरा पड़ा है, जो किसी को भी हैरत में डाल दें। क्रिकेट में जहां अच्छे प्रदर्शन पर शोहरत तेजी से मिलती है तो कभी-कभी किस्मत भी करियर में अड़ंगा लगा देती है। ऐसा ही कुछ पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज अब्दुल कादिर के साथ हुआ था, जिनका शानदार डेब्यू के बावजूद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर शुरू होते ही धड़ाम हो गया। उनका करियर सिर्फ तीन महीने ही चल पाया। कादिर का आज यानी सोमवार को जन्मदिन है। उनका जन्म 10 मई, 1944 को कराची में हुआ था। वहीं, 12 मार्च 2002 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था।
कादिर ने डेब्यू मैच में खेली 95 रन की पारी
अब्दुल कादिर ने 24 अक्टूबर, 1964 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा था। यह मुकाबला ड्रॉ पर छूटा था। कराची में खेले गए इस मैच में कादिर बतौर सलामी बल्लेबाज उतरे थे। कादिर ने डेब्यूटेंट बिल अब्दुल्लाह (166) के साथ मिलकर पाकिस्तान को मजबूत शुरुआत दिलाई। दोनों ने पहले विकेट के लिए 249 रन की साझेदारी की और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की नाक में दम कर दिया। कादिर ने 291 गेंदों का सामना करते हुए 9 चौकों की मदद से 95 रन की पारी खेली थी। वह रन आउट होकर पवेलियन लौटे थे। लगा कि कादिर टीम में लंबे टिकेंगे, मगर अगले तीन मैचों के बाद ही उनके करियर पर ताला पड़ा गया।
कादिर ने आखिरी मैच में भी जमया अर्धशतक
कादिर ने 95 रन बनान के बाद 26, 35 और 46 रन की पारी खेलीं, लेकिन किस्तम का साथ नहीं मिला। 29 जनवरी, 1965 को न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑक्लैंड में खेल गया टेस्ट उनका आखिरी मैच साबित हुआ। इसके बाद वह कभी टीम में नहीं लौट सके और 21 साल की उम्र में करियर खत्म हो गया। न्यूजीलैंड के विरुद्ध इस मैच की दूसरी पारी में कादिर ने करीब छह घंटे टिककर 58 रन बनाए थे। वह पहली पारी में 12 के निजी स्कोर पर आउट हुए थे। यह मैच भी ड्रॉ हो गया था। गौरतलब है कि कादिर ने अपने टेस्ट करियर में महज 4 मैच खेले, जिनमें उन्होंने 34.00 की औसत से 272 रन जुटाए।
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