‘टाइटल' स्पॉनसरशिप छोड़ना चाहता है पेटीएम, बायजूस पर बीसीसीआई का करोड़ों बकाया

पिछले कुछ सालों से भारतीय क्रिकेट की सभी स्पर्धाओं का टाइटल स्पॉन्सर पेटीएम ने अपने अधिकार अन्य कंपनी को देने का बीसीसीआई से अनुरोध किया है।

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पेटीएम ट्रॉफी 
मुख्य बातें
  • पेटीएम ने बीसीसीआई के सामने की है टाइटल स्पॉनसरशिप छोड़ने की पेशकश
  • मास्टरकार्ड को उसके अधिकार ट्रांसफर करने का किया है अनुरोध
  • कंपनी की खराब वित्तीय हालत का दिखने लगा है असर

मुंबई: पिछले कई सालों से भारतीय क्रिकेट टीम की घरेलू स्पर्धाओं की टाइटल स्पॉन्सर फिनटेक कंपनी पेटीएम ने पेटीएम इसे छोड़ने का फैसला किया है। पेटीएम ने बीसीसीआई से अपने अधिकार मास्टरकार्ड को देने का अनुरोध किया है। बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की गुरूवार को मुंबई में हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गयी।

326.80 करोड़ में हुआ था चार साल का अनुबंध
बैठक में शामिल सूत्र के मुताबिक, पेटीएम ने बीसीसीआई से प्रायोजन को किसी अन्य कंपनी को सौंपने का अनुरोध किया है और बोर्ड इस पर विचार कर रहा है।' अगस्त 2019 में पेटीएम ने भारत में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट के मैचों के ‘टाइटल’ प्रायोजक के तौर पर जुड़ाव चार साल के लिये बढ़ाया था। पेटीएम को साल 2019 से 2023 तक टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए 326.80 करोड़ रुपये देने थे। प्रति मैच यह डील 3.80 करोड़ रुपये की थी। इससे पहले यह राशि 2.4 करोड़ रुपये प्रतिमैच थी। 

शेयर मार्केट में एंट्री के बाद बेहाल हुई कंपनी
पिछले साल शेयरमार्केट में लिस्ट होने के बाद से पेटीएम के शेयरों में लगातार गिरावट का दौर जारी है। पेटीएम तकरीबन 1950 रुपये की कीमत पर शेयर बाजार में लिस्ट हुआ था। कंपनी ने आईपीओ के जरिए तकरीबन 18300 करोड़ रुपये जुटाए थे। वर्तमान में पेटीएम का शेयर तकरीबन 730 रुपये तक पहुंच गया है। जिसका असर कंपनी की सेहत पर दिखाई पड़ रहा है। 

बायजूस पर है 86.21 करोड़ बकाया
वहीं दूसरी तरफ टीम इंडिया की जर्सी के प्रायोजक बायजूस पर कथित रूप से बीसीसीआई का 86.21 करोड़ रुपये बकाया है। इस साल अप्रैल में ही एडटेक कंपनी बायजूस और बीसीसीआई ने अपनी साझेदारी भारत में होने वाले 2023 वनडे विश्व कप के अंत तक बढ़ाने पर सहमति जतायी थी जिसमें 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी थी।

करार पर हस्ताक्षर होते ही हो जाएगा भुगतान
बीसीसीआई के सूत्र ने बैठक के बाद पीटीआई से कहा, 'अब तक बायजूस पर बोर्ड का 86.21 करोड़ रुपये का बकाया है। हालांकि बायजूस के प्रवक्ता ने इस बारे में स्पष्टिकरण देते हुए कहा, 'हमने बीसीसीआई से करार बढ़ाया है लेकिन इस पर अभी हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। अनुबंध पर हस्ताक्षर होते ही भुगतान करार की शर्तों के अनुसार कर दिया जायेगा। इसलिये हमारी ओर से कोई राशि बकाया नहीं है।'


(एजेंसी इनपुट के साथ)

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