'हिंदी मातृभाषा है' रणजी ट्रॉफी मैच में विवादास्‍पद बयान देने वाले कमेंटेटरों ने मांगी माफी

Rajinder Amarnath and Sushil Doshi: कर्नाटक और बड़ौदा के बीच रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान कमेंट्री करते समय रजिंदर अमरनाथ और सुशील दोषी ने विवादास्‍पद बयान दिया। इसके बाद दोनों ने माफी मांगी।

karnataka ranji team
कर्नाटक रणजी टीम 
मुख्य बातें
  • कर्नाटक और बड़ौदा के बीच रणजी ट्रॉफी मैच में कमेंट्री करते समय रजिंदर अमरनाथ और सुशील दोषी ने विवाद खड़ा किया
  • अमरनाथ ने कहा कि हिंदी भारत की मातृभाषा है और हर भारतीय को यह बोलते आना चाहिए
  • इस विवाद पर जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद दोनों कमेंटेटरों ने माफी मांगी

नई दिल्‍ली: कर्नाटक और बड़ौदा के बीच बेंगलुरु के एम चिन्‍नास्‍वामी स्‍टेडियम में गुरुवार को रणजी ट्रॉफी मुकाबले के दौरान दो अनुभवी कमेंटेटरों ने नया विवाद खड़ा कर दिया। रजिंदर अमरनाथ और सुशील दोषी ने ऑन एयर कहा कि हर भारतीय को हिंदी भाषा बोलते आना चाहिए क्‍योंकि यह हमारी मातृभाषा है। उन्‍होंने साथ ही कहा कि भारत में हिंदी से बढ़कर कोई भाषा नहीं है। सोशल मीडिया यूजर्स ने अमरनाथ और दोषी के बयान पर जमकर भड़ास निकाली। क्रिकेट फैंस ने कहा कि इन दोनों ने भाषा को थोपने की कोशिश की और दर्शकों को गलत संदेश दिया। बढ़ते विवाद को देखते हुए अमरनाथ और दोषी दोनों ने अपने बयानों के लिए माफी मांगी। पहले दोनों ने ऑन एयर की अपनी गलती स्‍वीकार की और फिर दिन का खेल खत्‍म होने के बाद भी माफी मांगी।

कैसे मांगी माफी

1983 विश्‍व कप विजेता टीम के सदस्‍य मोहिंदर अमरनाथ के भाई रजिंदर ने टी टाइम से पहले माफी मांगते हुए कहा कि उनका इरादा भाषा को थोपते हुए किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। अमरनाथ ने ऑन एयर कहा, 'इरादा कभी भी भाषा को थोपने का नहीं था। देश की सभी भाषाएं देश का हिस्‍सा हैं। हर कोई अपनी भाषा बोलना पसंद करता है। मेरा इरादा किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था।'

दिन का खेल समाप्‍त होने के बाद अमरनाथ और दोषी ने मीडिया से इस मामले में बातचीत की। अमरनाथ ने कहा कि कमेंट्री के दौरान इस्‍तेमाल की गई भाषा गलत जगह पहुंची। अमरनाथ ने साथ ही पूछा कि अगर हिंदी हमारी मातृ भाषा नहीं है तो कौन सी है? अमरनाथ ने कहा, 'इसे न मानना कहां तक सही है कि हिंदी हमारे देश की मातृ भाषा नहीं है? तो फिर कौन सी है?' उन्‍होंने बाद में स्‍वीकार किया कि कमेंट्री के दौरान भाषा का इस्‍तेमाल गलत जगह हुआ। उन्‍होंने कहा, 'मेरा मतलब यह था कि हर भारतीय को हिंदी पता होना चाहिए न कि उसे आना ही चाहिए।'

हिंदी है हम

इससे पहले दोनों कमेंटेटरों ने भारत में हिंदी के उपयोग पर बातचीत की थी। अमरनाथ ने कहा था कि हर भारतीय को हिंदी आना चाहिए जबकि दोषी ने उन क्रिकेटरों पर सवाल किया था, जिन्‍हें अपने हिंदी बोलने पर गर्व है। अमरनाथ ने ऑन एयर कहा था, 'हिंदुस्‍तान में हर हिंदुस्‍तानी को हिंदी आना चाहिए। ये हमारी मातृभाषा है। इससे बड़ी भाषा हमारे लिए नहीं है। मैं उन लोगों को गुस्‍से में देखता हूं जब वह कहते हैं, हम क्रिकेटर्स हैं, लेकिन हम फिर भी हिंदी में बात करेंगे। आप भारत में जी रहे हैं और निश्चित ही भारत की भाषा बोलेंगे। इसमें गर्व करने वाली बात क्‍या है?' दोषी ने अमरनाथ की बात का जवाब इस तरह दिया था।

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