पाकिस्तान सीरीज जीता तो रमीज राजा ने तीन दिन के टेस्ट को बताया जोक, जिंबाब्वे को दे डाली एक कड़वी सलाह

Ramiz Raja on Zimbabwe vs Pakistan Test Series: पूर्व पाकिस्तानी बल्लेबाज रमीज राजा पाकिस्तान और जिंबाब्वे टेस्ट सीरीज से खुश नहीं है। उन्होंने जिंबाब्वे को एक कड़वी सलाह दी है।

Pakistani Cricket Team
पाकिस्तानी क्रिकेटी खिलाड़ी  |  तस्वीर साभार: Twitter

पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने जिंबाब्वे के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज अपने कर ली। मेहमान पाकिस्तान ने दो ही मुकाबलों में मेजबान जिंबाब्वे को करारी शिकस्द दी। पाकिस्तान ने पहला टेस्ट एक पारी और 116 रन से जीता जबकि दूसरे टेस्ट पर उसने एक पारी और 147 रन से कब्जा जमाया। इससे पहले पाकिस्तान ने जिंबाब्वे को टी20 सीरीज में 2-1 से मात दी थी। पाकिस्तान के टेस्ट सीरीज जीतने के बाद पूर्व क्रिकेट रमीज राजा ने तीन दिन के टेस्ट को 'जोक' बताया है। उन्होंने साथ ही जिंबाब्वे को एक कड़वी सलाह देते हुए कहा कि उसे फिलहाल टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल चाहिए और व्हाइट बॉल गेम पर फोकस करना चाहिए।

'इस तरह की सीरीज नहीं खेली जानी चाहिए'

रमीज राजा ने अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किए वीडियो में कहा, 'इस तरह की बेमेल सीरीज नहीं खेली जानी चाहिए। टेस्ट क्रिकेट पहले से ही दबाव में है और बहुत कम लोग इसे देखते हैं। अगर आप लोगों को इस तरह के एकतरफा मैच दिखाएंगे तो वे फुटबॉल या अन्य खेलों को देखना ज्यादा पसंद करेंगे। तीन का टेस्ट मैच एक जोक है।' उन्होंने कहा, 'कुछ लोगों की राय है कि जब एक कमजोर टीम एक मजबूत टीम से भिड़ती है तो आपको मैच के नतीजे की बजाए सीखने पर ध्यान देने की जरूरत है। आप मजबूत टीम की प्रक्रिया से सीखते हैं, जिस तरह वो बदलते हुए हालत के हिसाब से से खुद को ढालती हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि जिंबाब्वे ने इस सीरीज से कुछ भी सीखा क्योंकि पाकिस्तानटीम लगातार उनपर हावी रही।' 

'जिंबाब्वे की स्थिति को देखकर दुख होता है' 

रमीज ने कहा, 'अगर आप जिंबाब्वे की टीम पर नजर दौड़ाएं तो पहले टेस्ट की तुलना में दूसरे टेस्ट में उनके प्रदर्शन में कोई अंतर नहीं था।' पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि जिंबाब्वे क्रिकेट की स्थिति पिछले कुछ दशकों में बिगड़ी है और जिस तरह से सीनियर राष्ट्रीय टीम ने खेला, उसमें गुणवत्ता में गिरावट साफ दिखाई दे रही है। बता दें कि आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में जिंबाब्वे 10वें नंबर पर है और उसने साल 2016 के बाद से केवल 5 बार शीर्ष टीमों के खिलाफ खेला है।
 रमीज ने आगे कहा, 'जिंबाब्वे की वर्तमान स्थिति को देखकर दुख होता है क्योंकि वे पहले बहुत प्रतिस्पर्धी टीम हुआ करती थी। साल 1992 के विश्व कप में जिंबाब्वे की टीम में तीन या चार विश्व स्तरीय खिलाड़ी थे, जो मौका पड़ने पर मैच को अपने पाल में करने का माद्दा रखते थे।'

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