Sachin Tendulkar ने इस पल को बताया 'बचपन के सपने के सच होने की कहानी' 

Sachin Tendulkar @47: सचिन तेंदुलकर ने अपने 47वें जन्मदिन की मौके पर अपने क्रिकेट करियर के सबसे अनमोल पल का जिक्र करते हुए उसे बचपन के सपने के सच होने की कहानी बताया है।

sachin tendulkar
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मुख्य बातें
  • सचिन तेंदुलकर ने अपने 47वें जन्मदिन के मौके पर बताया करियर का सबसे यादगार पल
  • आईसीसी ने जन्मदिन के मौके पर जारी किया है विशेष संदेश
  • सचिन ने इस पल को बताया बचपन के सपने के सच होने की कहानी

मुंबई: क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर शुक्रवार को 47 बरस के हो गए। कोरोना वायरस के प्रकोप और वैश्विक लॉकडाउन के बीच सचिन ने पहले ही जन्मदिन सेलिब्रेट नहीं करने का फैसला किया था। ऐसे में घर पर रहते हुए उन्होंने अपनी मां का आशीर्वाद लिया। मास्टर ब्लास्टर के जन्मदिन के मौके पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने भी उनका एक वीडियो संदेश जारी किया है जिसमें उन्होंने करियर के एक पल को बचपन के सपने के सच होने की कहानी बताया है। 

2011 विश्व कप जीतना सचिन तेंदुलकर के बचपन के सपने के सच होने की कहानी थी। महेंद्र सिंह धोनी ने दो अप्रैल 2011 के छक्का मार भारत को 28 साल बाद विश्व विजेता बनाया था, तब सचिन ड्रेसिंग रूम से दौड़ते हुए उस वानखेड़े स्टेडियम के बीच में आ गए थे, जहां वह बचपन से खेले थे। टीम के साथियों ने सचिन को कंधों पर उठा लिया था और पूरे स्टेडियम में सचिन, सचिन के नारे गूंज रहे थे।

मेरे जीवन का सबसे यादगार लम्हा
आईसीसी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर विश्व कप जीतने पर सचिन के विचार साझा किए हैं। अपने छठे विश्व कप की यादों को ताजा करते हुए कहा, 'मैंने टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए थे और मेरा योगदान काम आया। अंत में मायने यह बात रखती थी कि विश्व कप ट्रॉफी हमारे ड्रेसिंग रूम में हो। यह मेरे जीवन के सबसे सुंदर पलों में से एक था। इसे बड़ा कोई पल नहीं हो सकता। विजेता के तौर पर मैदान का चक्कर लगाना वो शानदार एहसास था। मेरे जीवन में क्रिकेट का सबसे यादगार पल।'

सचिन ने अपने डेब्यू मैच की तुलना विश्व कप विजय के साथ करते हुए कहा, हां, पहली बार जब मैंने भारतीय टीम की कैप पहनी थी तब मैं काफी उत्साहित था। लेकिन 2011 का कोई सानी नहीं है। पूरा देश जश्न मना रहा था। आप बहुत कम ही देखते हैं कि पूरा देश जश्न मना रहा हो।

विक्ट्रीलैप की तस्वीर बनी दो दशक का सर्वश्रेष्ठ पल
सचिन तेंदुलकर को जब विश्व कप जीत के बाद खिलाड़ी अपने कंधों पर बैठाकर विक्ट्री लैप लगा रहे थे उस पल को खेलों का ऑस्कर कहे जाने वाले लॉरेस सर्वश्रेष्ठ खेल पल का पुरस्कार इसी साल मिला है। सचिन इस पुरस्कार को रिसीव करने गए थे। स्टीव वॉ ने उन्हें ये ट्रॉफी दी थी। 


 

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