'विश्वसनीयता पर सवाल उठा सकते हैं': जडेजा के चोटिल होने पर संजय मांजरेकर ये क्या-क्या बोल गए

क्रिकेट
भाषा
Updated Dec 05, 2020 | 06:19 IST

Sanjay Manjrekar on Ravindra Jadeja concussion debate: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज व अब कमेंट्री कर रहे संजय मांजरेकर ने रवींद्र जडेजा की कनकशन बहस पर क्या कहा आइए जानते हैं।

Sanjay Manjrekar on Ravindra Jadeja concussion debate
संजय मांजरेकर ने रवींद्र जडेजा कनकशन बहस पर बयान दिया  |  तस्वीर साभार: Twitter

नई दिल्ली: पूर्व भारतीय बल्लेबाज और अब कमेंटेटर संजय मांजरेकर को लगता है कि पारी के अंतिम ओवर में रविंद्र जडेजा के सिर पर मिशेल स्टार्क की गेंद लगने के बाद टीम के फिजियो नितिन पटेल की मैदान से अनुपस्थिति कनकशन प्रोटोकॉल का उल्लघंन है। जडेजा को हैमस्ट्रिंग चोट भी लगी थी जिसके बाद कनकशन विकल्प के तौर पर युजवेंद्र चहल को उतारा गया जिन्होंने 25 रन देकर तीन विकेट चटकाये और भारत की आस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार को कैनबरा में पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 11 रन की जीत में अहम भूमिका अदा की।

मांजरेकर ने ‘सोनी सिक्स’ पर कहा, ‘‘बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल का उल्लघंन हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि मैच रैफरी भारत से इस मुद्दे का उठायेंगे लेकिन इस प्रोटोकॉल की सबसे मुख्य चीज यही है कि जिस क्षण गेंद आपके सिर पर लगती है तो फिजियो को बल्लेबाज के साथ क्रीज पर होना चाहिए और पूछना चाहिए कि उसे कैसा लग रहा है।’’

नितिन पटेल को क्रीज पर आना चाहिए था

मांजरेकर ने कहा, ‘‘फिजियो (इस मामले में नितिन पटेल) को क्रीज पर आना चाहिए था और कुछ सवाल होते हैं जिन्हें बल्लेबाज से पूछा जाता है, वो उन्हें जडेजा से पूछने चाहिए थे। पर जडेजा को गेंद लगी और कोई विलंब भी नहीं हुआ और उसने खेलना जारी रखा।’’

उसकी चोट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा सकते हैं

मांजरेकर ने कहा कि जडेजा के बल्लेबाजी जारी रखने से भारत को कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ क्योंकि भारत ने इसके बाद केवल नौ रन ही जोड़े लेकिन उसकी चोट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उसने सिर्फ नौ रन जोड़े, यह कोई बड़ा फायदा नहीं था। लेकिन गेंद लगने के बाद कम से कम दो या तीन मिनट होने चाहिए थे जिसमें भारत के सहयोगी स्टाफ को आना चाहिए था। तो यह थोड़ा ज्यादा विश्वसनीय दिखता।’’

डेविड बून के पास और कोई विकल्प नहीं था

हालांकि मांजरेकर इस बात से सहमत थे कि मैच रैफरी डेविड बून के पास कनकशन विकल्प भारत को देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हालांकि एक चीज कहूंगा, डेविड बून के पास भारत को कनकशन विकल्प देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि उनमें शायद यह कहने का साहस नहीं होगा कि वह इसकी अनुमति नहीं देंगे क्योंकि गेंद लगने के बाद इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया था। कनकशन विकल्प का अनुरोध किये जाने पर उन्हें ऐसा करना ही पड़ता।’’

टॉम मूडी ने भी पूछा सवाल

बल्कि पूर्व आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर टॉम मूडी ने भी जडेजा की चोट की गंभीरता पर संदेह व्यक्त किया क्योंकि इसके लिये चिकित्सा की जरूरत नहीं पड़ी। अब कोच और कमेंटेटर मूडी ने पूछा, ‘‘मुझे जडेजा के विकल्प के तौर पर चहल को लाने से कोई परेशानी नहीं है। लेकिन मुझे परेशानी इस बात से है कि जडेजा को हेलमेट पर गेंद लगने के बाद डॉक्टर और फिजियो वहां मौजूद नहीं थे जो मुझे लगता है कि अब प्रोटोकॉल है?’'

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