नई दिल्ली: खिलाड़ियों को सिर्फ अपने प्रदर्शन पर ध्यान नहीं देना होता, उसके अलावा कई अन्य चीजें होती हैं जिन पर उनका खेल निर्भर करता है। इसमें शरीर की फिटनेस एक अहम हिस्सा होता है। जबकि हाल के कुछ सालों में एक और समस्या का नाम कई बार सुनने को मिला है- मानसिक स्थिति। खिलाड़ियों को अगर अच्छा प्रदर्शन करना है तो उसके लिए मानसिक रूप से भी पूरी तरह फिट रहना जरूरी होता है। कई खिलाड़ियों ने विशेषज्ञों की मदद लेकर इसमें कामयाबी भी हासिल की। टीम इंडिया के युवा धुरंधर श्रेयस अय्यर के पिता ने भी इससे जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया है।
भारतीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर के पिता संतोष अय्यर ने कहा कि जब उनके बेटे के प्रदर्शन में गिरावट आयी तो उन्होंने मनोचिकित्सक से मदद ली जिससे इस क्रिकेटर को खेल में सुधार करने में मदद मिली। संतोष ने ‘क्रिकबज’ के कार्यक्रम ‘स्पाइसी पिच’ में बताया कि अय्यर जब 16 साल के थे और उनके खेल में गिरावट आयी थी तब उन्हें डांट से ज्यादा मनोचिकित्सक की सलाह की जरूरत महसूस हुई। आमतौर पर भारतीय परिवेश में जिन अभिभावकों को अपने बच्चों से ज्यादा उम्मीदें होती है , वह उनके लिए अच्छा करने की चाहत में नुकसान कर बैठते हैं।
हमने जो हो सकता था, सब किया
सीमित ओवरों की भारतीय टीम में जगह पक्की कर चुके अय्यर के पिता ने कहा, ‘‘जब वह चार साल का था तब वह घर में प्लास्टिक की गेंद से खेलता था। उस समय भी वह गेंद को बल्ले के बीचों बीच से मारता था। इससे हमें उनके प्रतिभा के बारे में पता चला। हम उसकी उस प्रतिभा को निखारने के लिए जो भी संभव था वह करने की कोशिश कर रहे थे।’’
मुझे लगा वो किसी के प्यार में पड़ गया है..
मुंबई अंडर-16 के लिए खेलते समय अय्यर के प्रदर्शन में गिरावट आयी तो कोच ने कहा कि उसका ध्यान भटक रहा है। अय्यर के पिता ने कहा, ‘जब एक कोच ने कहा कि आपके बेटे के पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन उसका ध्यान भटक रहा है। मैं थोड़ा चिंतित हो गया था। मुझे लगा कि वह किसी के प्यार में पड़ गया है या गलत संगत में आ गया है।’
मनोचिकित्सक ने ऐसे दी राहत
अय्यर के पिता ने बताया कि यह नौ साल पहले की बात है और उस समय मनोचिकित्सा को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था। आमतौर पर ऐसे समय में अभिभावक बच्चों को डांटते थे लेकिन मैंने उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाने का फैसला किया। मनोचिकित्सक ने मुझे कहा, ‘‘आखिरकार, मुझे बताया गया कि चिंता की कोई बात नहीं है। ज्यादातर क्रिकेटरों की तरह श्रेयस भी खराब दौर से गुजर रहा है। फिर उसने जल्द ही लय हासिल कर ली और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।’’
अब तक अय्यर ने 18 एकदिवसीय में 748 रन बनाये है जहां उनका औसत लगभग 50 का है। उन्होंने 22 टी20 अंतरराष्ट्रीय में 27 से अधिक के औसत से 417 रन बनाये हैं। वो इस समय टीम इंडिया की अहम कड़ी बन चुके हैं और किसी भी स्थान पर कप्तान विराट कोहली उनको उतारने के लिए तैयार रहते हैं। आने वाले दिनों में उनका करियर नई उड़ान लेता नजर आ सकता है। वो आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की अगुवाई भी करते हैं।
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