शाहबाज नदीम: 15 साल, 110 मैच और 400 से ज्यादा विकेट लेने के बाद पूरा हुआ टेस्ट जर्सी पहनने का सपना

क्रिकेट
Updated Oct 19, 2019 | 15:10 IST | नवीन चौहान

झारखंड के 30 वर्षीय क्रिकेटर शाहबाज नदीम का 15 साल लंबा इतंजार खत्म हो गया। 100 से ज्यादा प्रथम श्रेणी मैच खेलने और 400 विकेट झटकने के बाद उन्हें घरेलू मैदान पर टेस्ट डेब्यू का मौका मिला।

Shahbaz Nadeem Test Debut
Shahbaz Nadeem Test Debut( साभार BCCI)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • साल 2004 में केरल के खिलाफ किया था रणजी डेब्यू
  • टेस्ट डेब्यू के लिए करना पड़ा 15 साल लंबा इंतजार
  • लिस्ट ए क्रिकेट में शाहबाज के नाम दर्ज है सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड

रांची: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच रांची में तीन मैचों की सीरीज का तीसरा और आखिरी टेस्ट खेला जा रहा है। मैच में भारत के लिए बांए हांथ के स्पिन गेंदबाज शहबाज नदीम को टेस्ट डेब्यू का मौका मिला। शाहबाज नदीम भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले 296वें क्रिकेटर बने। नदीम इस मामले में भाग्यशाली रहे है कि उन्होंने जिस मैदान पर क्रिकेट का ककहरा सीखा उसी मैदान पर उन्होंने घरेलू दर्शकों के सामने टेस्ट डेब्यू किया। कप्तान विराट कोहली ने मैच से पहले उन्हें टेस्ट कैप दी। 

कार से कोलकाता से रांची पहुंचे नदीम

शुक्रवार शाम को तीसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम का ऐलान किया गया। ऐसे में चाइनामैन कुलदीप यादव की जगह टीम में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पिछले कई सालों से धमाका कर रहे झारखंड के स्पिन गेंदबाज शाहबाज नदीम को शामिल किया गया। सबसे रोचक बात यह है कि शाहबाज को टेस्ट टीम में जब शामिल करने का ऐलान किया गया तब वो रांची में नहीं थे। ऐसे में टीम से जुड़ने के लिए उन्हें कोलकाता से रांची का सफर कार से तय करना पड़ा। कुछ इसी अंदाज में महेंद्र सिंह धोनी को जब पहली बार दलीप ट्रॉफी के लिए टीम में शामिल किया था। तब उन्हें अफरा-तफरी में रांची से कोलकाता पहुंचना पड़ा था लेकिन वो दुर्भाग्यशाली रहे और उनकी फ्लाइट मिस हो गई थी। लेकिन नदीम के साथ ऐसा नहीं हुआ। 

धोनी के साथ शुरू किया था करियर 

साल 2004 में शाहबाज नदीम ने केरल के खिलाफ रणजी डेब्यू किया था। शाहबाज को टेस्ट जर्सी पहनने के लिए 15 साल लंबा इंतजार करना पड़ा। एमएस धोनी ने साल 2000 में प्रथम श्रेणी डेब्यू किया था और 2005 में उन्हें टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिल गया। लेकिन शाहबाज के लिए ये इंतजार डेढ़ दशक लंबा हो गया। उनसे पहले तेज गेंदबाज वरुण एरॉन को टेस्ट जर्सी पहनने का मौका मिल गया। वहीं सौरभ तिवारी भारतीय टीम की नीली जर्सी हासिल करने में सफल रहे। 

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले झारखंड के चौथे क्रिकेटर 

महेंद्र सिंह धोनी के उदय के बाद झारखंड के खिलाड़ियों के लिए भारतीय टीम के दरवाजे खुल गए। ऐसे में सौरभ तिवारी और वरुण एरॉन को भारतीय टीम की जर्सी पहनने का मौका मिल गया। शाहबाज नदीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले झारखंड के चौथे और टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले चौथे क्रिकेटर हैं।

ऐसा रहा घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन 

टेस्ट डेब्यू से पहले 110 प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके शाहबाज नदीम का घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन शानदार रहा है। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके नाम 424 विकेट दर्ज हैं। साल  2015-16 और 2016-17 के रणजी सीजन में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और दोनों सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। 2015-16 में उन्होंने 51 और 2016-17 में 56 विकेट लिए। वहीं लिस्ट ए क्रिकेट में भी उन्होंने लाजवाब प्रदर्शन किया। 106 लिस्ट ए मैचों में वो  27.80 की औसत और 4.29 की इकोनॉमी से 145 विकेट ले चुके हैं। इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10 रन देकर 8 विकेट रहा है। जो कि लिस्ट ए क्रिकेट में किसी भी गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। 

बल्ले में भी है दम

30 वर्षीय शाहबाज नदीम गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी भी कर सकते हैं। वो प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एक शतक भी जड़ चुके हैं। 110 मैच की 150 प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 14.59 की औसत से 2131 रन बना चुके हैं। इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक के अलावा 7 अर्धशतक निकले हैं। 

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