कोलंबो: गुरुवार को श्रीलंका के पूर्व खेल मंत्री महिंदानंदा अलुथगामेगे ने तब सनसनी मचा दी जब उन्होंने 2011 विश्व कप फाइनल के फिक्स होने का दावा किया। भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए उस विश्व कप फाइनल में भारत ने 275 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए गौतम गंभीर के 97 और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नाबाद 91 रन की मदद से खिताब जीता था। पूर्व खेल मंत्री के मुताबिक श्रीलंका वो मैच जानबूझकर हारा था। अब शुक्रवार को श्रीलंका सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
श्रीलंका के मौजूदा खेल मंत्री डल्लास अलाहाप्पेरूमा ने जांच के आदेश देने के साथ हर दो सप्ताह में इस मामले की प्रगति रिपोर्ट देने को कहा है। खेल सचिव के रूवानचंद्रा ने खेलमंत्री के निर्देश पर शनिवार को मंत्रालय की जांच ईकाई के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। अलुथगामेगे ने आरोप लगाया है कि उनकी टीम ने भारत को मैच बेच दिया था। पूर्व कप्तानों कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने ने इस आरोप को खारिज करके सबूत की मांग की है।
विश्व कप 2011 के दौरान श्रीलंका के खेल मंत्री रहे अलुथगामेगे ने कहा, ‘आज मैं आपको बताता हूं कि हमने विश्व कप 2011 बेच दिया था। जब मैं खेल मंत्री था, तब भी मैंने यह कहा था।’ पांच अगस्त को होने वाले चुनाव तक कामकाज देख रही मौजूदा कार्यवाहक सरकार में विद्युत राज्य मंत्री अलुथगामगे ने कहा, ‘एक देश के रूप में मैं ये घोषणा नहीं करना चाहता था। मुझे याद नहीं कि वो 2011 था या 2012। लेकिन हमें वह मैच जीतना चाहिए था।’ उन्होंने कहा था कि, ‘मैं जिम्मेदारी के साथ आपको कह रहा हूं कि मैंने महसूस किया कि वह मैच फिक्स था। मैं इस पर बहस कर सकता हूं, मुझे पता है कि लोग इसे लेकर चिंतित हैं।’
उस समय श्रीलंकाई टीम के कप्तान कुमार संगकारा ने भ्रष्टाचार रोधी जांच के लिए सबूत मुहैया कराने को कहा है। संगकारा ने ट्वीट किया, ‘उन्हें (पूर्व खेल मंत्री) अपने ‘साक्ष्य’ आईसीसी और भ्रष्टाचार रोधी एवं सुरक्षा इकाई के पास लेकर जाने की जरूरत है जिससे कि दावे की विस्तृत जांच हो सके।’ उस मैच में शतक जड़ने वाले पूर्व कप्तान जयवर्धने ने हालांकि इन आरोपों को बकवास करार दिया है। उन्होंने ट्वीट में पूछा, ‘क्या चुनाव होने वाले हैं?.... जो सर्कस शुरू हुआ है वो पसंद आया... नाम और सबूत?’
श्रीलंका की विश्व कप विजेता टीम के कप्तान रहे अर्जुन रणतुंगा ने भी 2011 विश्व कप फाइनल के फिक्स होने के आरोपों की जांच की मांग की थी। गौरतलब है कि पूर्व खेल मंत्री अलुथगामगे और तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुए फाइनल में आमंत्रित किए गए थे। अब देखने वाली बात ये होगी कि आने वाले दिनों में रणतुंगा इस बारे में क्या कहते हैं और श्रीलंका सरकार ने जांच के जो आदेश दिए हैं, उसका क्या नतीजा निकलकर आता है।
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