कोचिंग के पिछले अनुभव से बांग्लादेश के साथ जिम्मेदारी निभाने में मदद मिलेगी: श्रीराम

क्रिकेट
भाषा
Updated Aug 26, 2022 | 20:05 IST

Sridharan Sriram joins Bangladesh cricket team as techinical assistant: बांग्लादेश टीम के तकनीकी सलाहकार बने भारत के पूर्व क्रिकेटर श्रीधरन श्रीराम ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करके बेहतर योगदान देने की उम्मीद जताई है।

Sridharan Sriram
श्रीधरन श्रीराम (BCCI)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • बांग्लादेश के नए तकनीकि सलाहकार बने श्रीधरन श्रीराम
  • पुराने अनुभव का फायदा उठाएंगे श्रीधरन
  • ऑस्ट्रेलिया और आईपीएल में अपने अनुभव का इस्तेमाल करेंगे

बांग्लादेश टीम के तकनीकी सलाहकार बने भारत के पूर्व क्रिकेटर श्रीधरन श्रीराम ने शुक्रवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय टीम और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के साथ कोचिंग का अनुभव उन्हें अपनी नयी जिम्मेदारी निभाने में मददगार होगा। श्रीराम आगामी एशिया कप और अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले टी20 विश्व कप में बांग्लादेश की टीम से जुड़े होंगे। इस 46 साल के पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि बांग्लादेश के साथ वह अपनी जिम्मेदारियों के बारे में बहुत स्पष्ट हैं।

श्रीराम को 2016 में तत्कालीन मुख्य कोच डेरेन लेहमन के अधीन ऑस्ट्रेलिया का स्पिन गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया था। उन्होंने 2020 में आरसीबी के बल्लेबाजी और स्पिन कोच के रूप में भी काम किया था। ‘द डेली स्टार अखबार’ की खबर के मुताबिक श्रीराम ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह (मेरी भूमिका) बहुत सरल है और मैं यहां अपने काम को लेकर बहुत स्पष्ट हूं, मुझे शायद सभी संसाधनों को एकजुट करना होगा। हमारे पास कुछ बहुत अच्छे कौशल वाले कोच हैं। मुझे भरोसा है कि वे शानदार तरीके से अपने काम को करेंगे। मुझे कप्तान, टीम निदेशक और कौशल प्रशिक्षकों के साथ काम करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन तीनों विभागों को एक साथ लाकर मुझे आईपीएल और ऑस्ट्रेलिया के टी20 क्रिकेट के अनुभव का इस्तेमाल कर रणनीति तैयार करनी है। ऐसी रणनीति जहां हम अपने संसाधनों का सही उपयोग कर सकते हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मैं टीम का नेतृत्व कर रहा हूं और मैं सिर्फ सहयोग करने की कोशिश कर रहा हूं।’’

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 9,000 से अधिक रन बनाने और एक शानदार बल्लेबाज के रूप में पहचान बनाने वाले श्रीराम ने कहा कि कोचिंग के काम के दौरान वह अपने खेल के दिनों को याद नहीं करना चाहते है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस तथ्य को भूल गया कि मैं एक खिलाड़ी था और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कितने रन बनाए हैं क्योंकि दिन के अंत में मैं यहां अन्य लोगों की मदद करने के लिए हूं और यही मेरी सबसे बड़ी ताकत है और मैं अतीत को याद नहीं रखता। इससे मुझे हताशा होती है।’’

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