कम गेंदबाजी करने से परेशान उमेश यादव, BCCI की इस पॉलिसी को लेकर जताई चिंता

Umesh Yadav on BCCI's workload policy: भारत के तेज गेंदबाज उमेश यादव कम गेंदबाजी करने से परेशान हैं। उनका मानना है कि उनकी उम्र में उन्हें ज्यादा से ज्यादा खेलने की जरूरत है।

Umesh Yedav
उमेश यादव  |  तस्वीर साभार: AP, File Image

नई दिल्ली: तेज गेंदबाज उमेश यादव टेस्ट मैचौं में टीम इंडिया की खतरनाक चौकड़ी का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने कई मैचों में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। उमेश भले ही टेस्ट में नियमित तौर पर नजर आएं लेकिन अब वह सफेद गेंद के क्रिकेट में ज्यादा नहीं दिखते। उन्होंने आखिरी टी20 अंतरराष्ट्रीय पिछले साल फरवरी में जबकि आखिरी वनडे अक्टूबर में खेला था। उमेश कम गेंदबाजी करने से परेशान हैं और वह अधिक गेंदबाजी करने के लिए काउंटी क्रिकेट में खेलने पर निगाह लगाए हैं। लेकिन बीसीसीआई की वर्कलोड पॉलिसी काउंटी क्रिकेट से मेल नहीं खा रही।

बता दें कि बीसीसीआई की वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर नीति साफ है और यह कई बार खिलाड़ियों को काउंटी खेलने से रोक भी देती है। उमेश का कहना है कि इसी नीति के कारण उन्हें काउंटी क्रिकेट खेलने के प्रस्ताव को मना करना पड़ा। दिल्ली और विदर्भ के बीच यहां रविवार से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी मैच की पूर्व संध्या पर उमेश ने संवाददाताओं से कहा, 'पिछले सीजन मुझे ग्लोसेस्टशायर से प्रस्ताव भी मिला था। काउंटी चाहती थी कि मैं उनके साथ सात मैच खेलूं लेकिन बीसीसीआई की वर्कलोड मैनजेरमेंट नीति के कारण मैं दो-तीन मैच से ज्यादा नहीं खेल सकता था। इसलिए यह करार काम नहीं किया। साथ ही मुझे आईपीएल में चोट भी लग गई थी।'

उमेश ने कहा, 'वर्कलोड मैनेजमेंट ऐसा संतुलन है जो आपके लगातार मैच खेलने पर किया जाता है। लेकिन मेरे मामले में यह उलट है। मैंने पिछले दो वर्षों में काफी कम खेला है। इसलिए मेरे ऊपर ऐसा वर्कलोड नहीं है।' उमेश का कहना है कि उनकी उम्र में उन्हें ज्यादा से ज्यादा खेलने की जरूरत है ताकि वह लय में रह सकें। उमेश ने कहा, 'मैं 31 साल का हूं और मेरे लिए अगले चार से पांच साल काफी अहम हैं। अगर आप मेरे रिकार्ड को देखो तो मैंने पिछले साल (2019) चार टेस्ट खेले और इससे पिछले साल (2018) भी चार टेस्ट खेले थे। सफेद गेंद से मैंने पिछले साल सिर्फ एक ही मैच खेला था।'

उन्होंने कहा, 'इस उम्र में, मैं जितनी ज्यादा गेंदबाजी करूंगा, उतना बेहतर बनूंगा। इसलिये मैं पांच प्रथम श्रेणी मैच खेल रहा हूं ताकि कुछ ज्यादा गेंदबाजी कर सकूं।' भारतीय चयनकर्ता उमेश को टेस्ट क्रिकेट के विशेषज्ञ के रूप में देख रहे हैं लेकिन उमेश के पास इस साल न्यूजीलैंड दौरे के बाद ज्यादा क्रिकेट खेलने को बचेगी नहीं। उन्होंने कहा, 'इसलिए टी20 विश्व कप के इस साल में, न्यूजीलैंड दौरे के बाद मेरे पास सिर्फ आईपीएल बचेगा और इसके बाद कोई क्रिकेट नहीं। अगर मैं टेस्ट के लिए टीम में नहीं चुना जाता हूं तो मेरे पास ज्यादा कुछ बचेगा नहीं।'

 
 

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