नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने करियर का आगाज किया था। वो साल 2013 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय रहे। इस दौरान उन्होंने 200 टेस्ट, 463 वनडे और एक टी20 मैच खेलने वाले सचिन ने 34,357 रन बनाए और 100 से ज्यादा शतक जड़े। उन्होंने बल्लेबाजी के कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए लेकिन अपने बाल सखा विनोद कांबली को एक मामले में पिछाड़ने में नाकाम रहे।
सचिन तेंदुलकर ने कांबली से 183 टेस्ट मैच अधिक खेले लेकिन वो रनों का अंबार लगाने के बाद भी उन्हें टेस्ट औसत के मामले में नहीं पछाड़ पाए। कांबली का टेस्ट औसत 54.20 रहा वहीं सचिन का 53.78 का।
पाकिस्तान के खिलाफ किया था दोनों ने डेब्यू
विनोद कांबली ने साल 1991 में पाकिस्तान के खिलाफ ही अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज शारजाह में किया था। इसके बाद उन्होंने 1993 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। शुरुआत में बांए हाथ के बल्लेबाज कांबली को सचिन से ज्यादा प्रतिभाशाली खिलाड़ी माना जाता था लेकिन सफलता का स्वाद चखने के बाद कांबली अपने पैर जमीन पर नहीं रख सके और इसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ा।
सफलता को नहीं पचा पाए कांबली
कांबली 9 साल लंबे करियर में 17 टेस्ट और 104 वनडे खेल सके। इंग्लैंड के खिलाफ करियर की पहली टेस्ट सीरीज में ही दोहरा शतक जड़कर कांबली ने धमाका कर दिया था। सीरीज के मुंबई में खेले गए तीसरे टेस्ट में उन्होंने 224 रन की पारी खेली थी इसके बाद जिंबाब्वे के खिलाफ अगले ही टेस्ट में एक और दोहरा शतक(227) जड़ दिया। सचिन हालांकि तब तक पांच टेस्ट शतक जड़ चुके थे और उनका सर्वाधिक स्कोर 165 रन था। ये पारी भी उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ उसी सीरीज में चेन्नई में खेली थी।
अचानक मिली सफलता को कांबली पचा नहीं पाए और समय के साथ उनका ग्राफ गिरता गया और सचिन का करियर ग्राफ बढ़त गया। कांबली ने अपने टेस्ट करियर में 17 टेस्ट खेलकर 54.20 की औसत से 1084 रन बनाए और इस दौरान उनके बल्ले से 4 शतक और 3 अर्धशतक निकले। वो लगातार दो टेस्ट पारियों में दोहरे शतक जड़ने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी थे।
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