विराट कोहली की बेंगलुरु टेस्ट में अग्नि-परीक्षा, अगर नहीं बनाए 43 रन तो...

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली के सिर पर दुनिया के दिग्गज बल्लेबाजों के क्लब से बाहर होने की तलवार लटक रही है। उन्हों इसस बचने के लिए बेंगलुरु टेस्ट में 43 रन बनाने ही होंगे। 

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नेट पर पिंक बॉल से अभ्यास करते विराट कोहली( साभार BCCI)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • विराट कोहली को टेस्ट क्रिकेट में 50 से ज्यादा का औसत बनाए रखने के लिए बनाने होंगे कम से कम 43 रन
  • नहीं तो तीनों फॉर्मेट में पचास से ज्यादा के औसत वाले खिलाड़ियों की सूची से हो जाएंगे बाहर
  • विराट ने पिंक बॉल टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ जड़ा था आखिरी टेस्ट और अंतरराष्ट्रीय शतक

बेंगलुरु: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली के बल्ले की पिछले दो साल से चल रही उदासी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। वो लगातार रन तो बना रहे हैं लेकिन शतक नहीं जड़ पा रहे हैं। विराट के जिन रिकॉर्ड्स पर उन्हें और उनके फैन्स को गुमान था वो उनके हाथ से मुट्ठी में बंद रेत की तरह फिसलते जा रहे हैं।

ऐसा ही बेंगलुरू में श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के दूसरे टेस्ट में भी होने जा रहा है। अगर विराट कोहली चिन्नास्वामी स्टेडियम में शनिवार से डे-नाइट फॉर्मेट में खेले जाने वाले टेस्ट की दोनों पारियों में अगर कुल 43 रन नहीं बना पाए तो उनका टेस्ट औसत 50 से नीचे चला जाएगा।

मोहाली टेस्ट में खेली थी 45 रन की पारी 
विराट कोहली का नाम दुनिया के उन चुनिंदा क्रिकेट खिलाड़ियों में शुमार है जिनका औसत अंतरराष्ट्रीय टी20, वनडे और टेस्ट तीनों फॉर्मेट में 50 से ज्यादा का है। लेकिन उनके सिर पर इस स्पेशल क्लब से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। विराट कोहली ने मोहाली टेस्ट 76 गेंद में 45 रन की पारी खेली थी और इसी दौरान टेस्ट क्रिकेट में 8 हजार टेस्ट रन पूरे किए थे। 

कोलकाता पिंक बॉल टेस्ट में जड़ा था आखिरी बार शतक 
विराट के नाम 100 टेस्ट में 50.35 की औसत से 8007 रन दर्ज हो गए हैं। जिसमें 27 शतक और 28 अर्धशतक शामिल हैं। विराट ने आखिरी टेस्ट शतक नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता के इडेन गार्डन्स में डे-नाइट टेस्ट में जड़ा था। उसके बाद से टेस्ट क्या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वो 100 रन के आंकड़े को छूने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में प्रशंसकों को आशा है कि वो बेंगलुरु में शतकों के सूखे को खत्म करेंगे और अपना नाम तीनों फॉर्मेट में 50 से ज्यादा के औसत वाले खिलाड़ियों में बनाए रखने में सफल होंगे। 
 

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