इंग्लैंड में भारतीय टीम प्रबंधन युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ और देवदत्त पडिक्कल को टीम में रखना चाहता था लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या चयनसमिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा भी ऐसा चाहते थे? सवाल यह भी उठ रहे हैं कि बंगाल के सलामी बल्लेबाज अभिमन्यु को 2019-20 के रणजी सत्र में लचर प्रदर्शन करने और भारत ए के न्यूजीलैंड दौरे में भी रन नहीं बनाने के बावजूद इंग्लैंड गयी टीम में कैसे ‘स्टैंड बाय’ रखा गया?
इसमें कोई दो राय नहीं कि ईश्वरन टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिये तैयार नहीं थे तथा शॉ और पडिक्कल जैसे खिलाड़ियों पर उन्हें प्राथमिकता देने से कई लोगों की भौंहे तन गयी हैं। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘‘शुभमन गिल चोटिल होने के कारण ब्रिटेन के पूरे दौरे से बाहर हो गये हैं। उन्हें फिट होने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले महीने टीम के प्रशासनिक प्रबंधक ने पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा को पत्र भेजकर दो अन्य सलामी बल्लेबाजों को ब्रिटेन भेजने के लिये कहा था।’’ गिल की चोट की स्थिति जानने के बावजूद माना जा रहा है कि शर्मा ने टीम प्रबंधन के अनुरोध पर खास ध्यान नहीं दिया। अब देखना यह है कि क्या टीम प्रबंधन शॉ और पडिक्कल को भेजने के लिये बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह से औपचारिक अनुरोध करता है। शाह चयनसमिति के संयोजक भी हैं।
सूत्र ने कहा, ‘‘शॉ और पडिक्कल को भेजने के लिये बीसीसीआई अध्यक्ष को अभी तक औपचारिक अनुरोध नहीं मिला है। ये दोनों बल्लेबाज अभी सीमित ओवरों की श्रृंखला के लिये श्रीलंका में हैं लेकिन 26 जुलाई को यह दौरा समाप्त होने के बाद दोनों ब्रिटेन जा सकते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि टीम प्रबंधन उन्हें पहले टीम में जोड़ना चाहता है।’’
असल में शर्मा ने यदि पिछले महीने टीम प्रबंधन के अनुरोध पर गौर किया होता तो सॉव और पडिक्कल अभ्यास मैच के लिये सही समय पर इंग्लैंड पहुंच सकते थे। क्या टीम प्रबंधन ने विशेषकर सॉव को भेजने के लिये कहा है, इस सवाल पर सूत्र ने कहा, ‘‘उन्हें आधिकारिक मेल करने दो और फिर उसे आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा पृथ्वी अभी श्रीलंका में सीमित ओवरों की टीम का सदस्य है और उनका ध्यान इस श्रृंखला पर लगा है। ब्रिटेन दौरे पर 23 खिलाड़ी गये हैं और यदि हम ईश्वरन को नहीं भी गिनते तब भी उनके पास तीन विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज हैं। ’’
पृथ्वी के बजाय ईश्वरन को प्राथमिकता देने पर एक पूर्व चयनकर्ता ने कहा, ‘‘जहां तक ईश्वरन और पृथ्वी की योग्यता का सवाल है तो उनकी तुलना भी नहीं की जा सकती। पृथ्वी कौशल के मामले में ईश्वरन से मीलों आगे हैं और यह नहीं भूलना चाहिए कि वह टेस्ट शतक लगा चुका है और अभी अच्छी फॉर्म में है। उसे श्रीलंका में नहीं इंग्लैंड में होना चाहिए था।’’
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