रवि शास्त्री जैसा बनना चाहते हैं वॉशिंगटन सुंदर, बेसब्री से कर रहे हैं इस मौके का इंतजार 

क्रिकेट
भाषा
Updated Jan 24, 2021 | 17:08 IST

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रेस्बेन में खेले डेब्यू टेस्ट बल्ले और गेंद से धमाल मचाने वाले वॉशिंगटन सुंदर ने टीम के कोच रवि शास्त्री के जैसा बनने की इच्छा जताई है।

Washington Sunder
वॉशिंगटन सुंदर 
मुख्य बातें
  • वॉशिंगटन सुंदर ने टेस्ट क्रिकेट में रवि शास्त्री जैसी भूमिका अदा करने की जताई इच्छा
  • नेट गेंदबाज के रूप में थे टीम के साथ, ब्रिस्बेन में मिला डेब्यू का मौका
  • युवाओं को प्रेरणा देने के लिए ड्रेसिंग रूम में ही हैं बहुत से खिलाड़ी

नई दिल्ली: कोच रवि शास्त्री की ड्रेसिंग रूम में दी गयी 'दृढ़ता और प्रतिबद्धता' की सीख ने युवा वाशिंगटन सुंदर के लिये टॉनिक का काम किया जो किसी भी तरह की चुनौती के लिये तैयार हैं जिसमें टेस्ट मैचों में भारत के लिये पारी का आगाज करना भी शामिल है। इक्कीस वर्षीय वाशिंगटन भारत अंडर-19 के दिनों में शीर्ष क्रम के विशेषज्ञ बल्लेबाज थे लेकिन उन्होंने अपनी ऑफ स्पिन को निखारा और भारतीय टी20 टीम में जगह बनायी।

ओपनिंग का मिला मौका तो चुनौती के रूप में करूंगा स्वीकार
ब्रिस्बेन में भारतीय जीत में अहम भूमिका निभाने वाले वॉशिंगटन ने चेन्नई से अपने आवास से पीटीआई-भाषा से कहा, 'अगर मुझे कभी भारत की तरफ से टेस्ट मैचों में पारी का आगाज करने का मौका मिलता है तो यह मेरे लिये वरदान होगा। मुझे लगता है कि मैं उसी तरह इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करूंगा जैसे हमारे कोच रवि सर ने अपने खेल के दिनों में किया था।'

रवि शास्त्री ने टीम को किया प्रेरित
वॉशिंगटन ने गाबा में पहली पारी में 62 रन बनाकर भारत को मैच में बनाये रखा और फिर दूसरी पारी में 22 रन की तेजतर्रार पारी खेली जिसमें पैट कमिन्स पर लगाया गया छक्का भी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने चार विकेट भी लिये। उन्होंने कहा, 'रवि सर ने हमें खेल के अपने दिनों की प्रेरणादायी बातें बतायी। जैसे कि कैसे उन्होंने विशेषज्ञ स्पिनर के तौर पर पदार्पण किया तथा चार विकेट लिये और न्यूजीलैंड के खिलाफ इस मैच में दसवें नंबर पर बल्लेबाजी की।'

युवाओं को बाहरी खिलाड़ियों से प्रेरणा लेने की नहीं है जरूरत
वाशिंगटन ने कहा, 'और वहां से वह कैसे टेस्ट सलामी बल्लेबाज बने और उन्होंने कैसे अपने जमाने के सभी शीर्ष तेज गेंदबाजों का सामना किया। मैं भी उनकी तरह टेस्ट मैचों में पारी की शुरुआत करना पसंद करूंगा।' उनका मानना है कि टेस्ट टीम में आये किसी युवा खिलाड़ी के लिये किसी बाहरी खिलाड़ी से प्रेरणा लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय ड्रेसिंग रूम में ही कई आदर्श खिलाड़ी हैं।

वॉशिंगटन ने कहा, 'एक युवा होने के नाते जब मैं किसी से प्रेरणा लेना चाहता हूं तो मुझे अपने ड्रेसिंग रूम में ही इतने अधिक आदर्श खिलाड़ी मिल जाते हैं। विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, आर अश्विन जैसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी वहां हैं। ये खिलाड़ी हमेशा आपकी मदद के लिये तैयार रहते हैं।'

नेट बॉलर के रूप में रुके थे ऑस्ट्रेलिया में, मिला डेब्यू का मौका
वॉशिंगटन को सीमित ओवरों की श्रृंखला समाप्त होने के बाद नेट गेंदबाज के रूप में ऑस्ट्रेलिया में रहने के लिये कहा गया। इससे उन्हें लाल गेंद से नेट पर काफी गेंदबाजी करने को मिली। भारत की तरफ से एक टेस्ट के अलावा 26 टी20 और एक वनडे खेलने वाले वॉशिंगटन ने कहा, 'इससे निश्चित तौर पर मुझे मदद मिली क्योंकि मुझे टेस्ट मैचों के लिये टीम में बने रहने के लिये कहा गया था। लेकिन वह हमारे गेंदबाजी कोच भरत अरुण सर सहित सभी कोचों की रणनीति थी जिससे मदद मिली।' उन्होंने कहा, 'ब्रिस्बेन में पहले दिन पिच से मदद नहीं मिल रही थी लेकिन पहले टेस्ट विकेट के तौर पर स्टीव स्मिथ का विकेट लेना सपना सच होने जैसा था।'

वॉशिंगटन की बड़ी बहन शैलजा भी पेशेवर क्रिकेटर है और ये भाई बहन कभी कभार अपनी बातें एक दूसरे से साझा भी करते हैं। वॉशिंगटन ने कहा, 'अगर उसे (शैलजा) लगता है कि मुझे यह बात बतानी जरूरी है तो वह ऐसा करती है। उसके सुझाव हमेशा उपयोगी साबित होते हैं। लेकिन अमूमन घर में हम क्रिकेट पर चर्चा नहीं करते हैं।'
 

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