What is Umpire's Call: क्रिकेट में आखिर क्या होता है 'अंपायर्स कॉल', जिसकी हो रही है खूब चर्चा

What is Umpire's call rule and regulations| क्रिकेट में कई नियम हैं जो पिछले कुछ दशकों में खेल के विकास के साथ इससे जुड़ते गए। ऐसा ही एक नियम या परंपरा है अंपायर्स कॉल की। आइए जानते हैं क्या है अंपायर्स कॉल।

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अंपायर्स कॉल को लेकर विवाद  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के दौरान एक बार फिर 'अंपायर्स कॉल' पर उठा विवाद
  • रोहित शर्मा के विकेट को लेकर उठे थे अंपायर्स कॉल पर सवाल
  • आखिर क्या होता है 'अंपायर्स कॉल', क्यों बहुत से बल्लेबाज इससे खुश नहीं

जैसे-जैसे खेल का विकास होता है, वैसे-वैसे इसके साथ नए नियम व परंपराएं जुड़ती जाती हैं। क्रिकेट ने भी सालों का सफर तय किया है और इसमें भी तमाम नियम जुड़ते रहे। कुछ नियमो को लेकर खिलाड़ियों को कभी कोई समस्या नहीं हुई लेकिन कुछ चीजें ऐसी जरूर हैं जिनको लेकर विवाद और बवाल आए दिन होता रहता है। पिछले कुछ सालों में एक ऐसी ही चीज को लेकर खूब चर्चा है और काफी विवाद भी हो चुका है। हम बात कर रहे हैं 'अंपायर्स कॉल' (Umpire's call) की। भारत-इंग्लैंड सीरीज में भी इसको लेकर विवाद उठा है।

सबसे पहले बात करते हैं 'अंपायर्स कॉल' जुड़े ताजा मामले की। भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम की दूसरी पारी के दौरान रोहित शर्मा शानदार लय में दिख रहे थे। वो पचासा जड़ चुके थे और बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहे थे। तभी ओली रॉबिनसन की एक गेंद रोहित के पैड से टकराई। गेंदबाज ने अपील की और अंपायर ने उनको आउट करार दे दिया। रोहित फैसले से खुश नहीं थे, इसलिए उन्होंने डीआरएस (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) लेने का फैसला किया।

थर्ड अंपायर ने टीवी रीप्ले पर बॉल ट्रैकिंग के जरिए इस विकेट को देखने का प्रयास किया। बॉल ट्रैकिंग में दिखा कि गेंद लाइन के बाहर बाउंस खाने के बाद बल्लेबाज की ओर जा रही थी। लेकिन गेंद काफी लेग साइड पर थी और रीप्ले में साफ दिखा कि गेंद का मुश्किल से 2-3 प्रतिशत हिस्सा ही स्टंप से टकरा सकता था। लेकिन थर्ड अंपायर ने यहां बल्लेबाज के पक्ष में फैसला देने के बजाय 'अंपायर्स कॉल' के साथ जाने का फैसला किया। रोहित शर्मा को आउट करार दे दिया गया।

क्या होता है 'अंपायर्स कॉल'

अंपायर्स कॉल क्रिकेट में डीआरएस (Decision Review System) का ही एक हिस्सा होता है। जब कोई बल्लेबाज ग्राउंड अंपायर के फैसले से खुश ना होकर डीआरएस लेने का फैसला करता है, तब टीवी अंपायर बॉल ट्रैकिंग तकनीक के जरिए नतीजे तक पहुंचने का प्रयास करता है। ऐसे में जब रीप्ले में नजर आता है कि गेंद और स्टंप के बीच संपर्क होने का फासला बहुत छोटा या असमंजस भरा है तो थर्ड अंपायर इसे अंपायर्स कॉल करार देता है। यानी जो फैसला ग्राउंड अंपायर दे चुका है, वही अंतिम फैसला करार दे दिया जाता है।

Umpires call Hawk Eye

Photo Credit- Video Grab/Sony Sports

पिछली सीरीज में भी मचा था बवाल

भारत और इंग्लैंड के बीच जब इससे पहले इसी साल मार्च में भारतीय जमीन पर सीरीज खेली गई थी, तब अंपायर्स कॉल का विवाद काफी खुलकर सामने आया था और पूरे विवाद के केंद्र में थे भारतीय कप्तान विराट कोहली जिन्होंने बेबाकी से इसके खिलाफ आवाज भी उठाई थी। उस चार मैचों की टेस्ट सीरीज में दोनों टीमों ने तकरीबन 65 रिव्यू लिए थे, जिसमें से 53 में खिलाड़ी नाकाम साबित हुए। इनमें से 16 ऐसे फैसले थे जिन्हें 'अंपायर्स कॉल' के साथ छोड़ दिया गया था।

Virat Kohli taking DRS

कोई साथ, कोई खिलाफ..आईसीसी का क्या है मानना?

उस विवाद के बाद पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की अध्यक्ष्ता में आईसीसी की एक समिति की बैठक हुई जिसको ये तय करना था कि अंपायर्स कॉल बरकरार रहना चाहिए या नहीं। इस पैनल में कई पूर्व दिग्गज कप्तानों के साथ-साथ मैच रेफरी रंजन मुदुगुले और कुछ अंतरराष्ट्रीय अंपायर भी शामिल थे। इस बैठक में फैसला लिया गया कि अंपायर्स कॉल को बरकरार रखा जाएगा।

वहीं, दूसरी ओर क्रिकेट नियमों का संरक्षक एमसीसी ने फरवरी में विराट कोहली का समर्थन किया था और कहा था कि इससे दर्शकों को समझने में दिक्कत होती है। हालांकि एमसीसी पैनल के कुछ अधिकारी अंपायर्स कॉल के साथ थे, तो कुछ खिलाफ, लेकिन अंत में आईसीसी ने इसे बरकरार रखने का फैसला ही सही समझा।

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