भारतीय क्रिकेट टीम ने बहुत से कप्तान देखे हैं। अलग-अलग तरह के कप्तान आए और गए, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी इन सबसे जुदा रहे। पूर्व भारतीय कप्तान धोनी ने अपनी एक ऐसी पहचान बनाई जो इससे पहले शायद ही किसी क्रिकेटर में देखी गई। कभी दबाव में नहीं आना, हमेशा शांत रहना, लक्ष्य पूरा करने की सटीक रणनीति बनाना, टीम के लिए हर मुमकिन चीज करना और सबसे अहम बात, सबका सम्मान करना और काफी हद तक सामान्य जिंदगी जीना। भारत को दो प्रारूप में विश्व कप दिलाने वाले इस पूर्व कप्तान को लेकर पूर्व कोच गैरी कर्स्टन ने एक दिलचस्प किस्सा बताया है।
जाहिर तौर पर एमएस धोनी ने अपने करियर का स्वर्णिम दौर जिस कोच की अगुवाई में देखा, वो दक्षिण अफ्रीका के गैरी कर्स्टन ही थे। कर्स्टन 2008 से 2011 के बीच भारतीय टीम के कोच रहे जिस दौरान भारत ने कई छोटी-बड़ी सफलताओं के साथ-साथ एशिया कप 2010 और 2011 वनडे विश्व कप जैसी बड़ी सफलताएं भी हासिल कीं। कर्स्टन ने हमेशा कैप्टन कूल धोनी की तारीफ की है और उनके जीवन में आने वाले सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले इंसान के रूप में उनको बयां किया है।
गैरी कर्स्टन ने यू-ट्यूब पर द आरके शो के दौरान धोनी के बारे में बात करते हुए कहा, 'जिनसे भी मैं मिला, उनमें सबसे दिलचस्प लोगों में से एक। वो एक शानदार लीडर हैं। उनके अंदर एक लीडर की सभी खूबियां मौजूद हैं, लेकिन सबसे खास बात उनके अंदर जो है, वो है वफादारी।'
पूर्व कोच गैरी कर्स्टन ने एक ऐसे ही वाकये के बारे में बताया जो साबित करने के लिए काफी था कि धोनी दोस्ती और वफादारी में कभी पीछे नहीं हटते। दरअसल, बेंगलुरू के एक फ्लाइट स्कूल में टीम इंडिया की ट्रिप निर्धारित थी। पूरा कार्यक्रम तय था लेकिन जब ये बताया गया कि कोच व सपोर्ट स्टाफ के दक्षिण अफ्रीकी सदस्यों को वहां एंट्री नहीं दी जाएगी तो धोनी ने गुस्से में पूरा कार्यक्रम ही रद्द कर दिया।
गैरी कर्स्टन ने उस वाकये के बारे में कहा, 'मैं कभी नहीं भूलूंगा, विश्व कप से ठीक पहले हमको बेंगलुरू के एक फ्लाइट स्कूल में आमंत्रित किया गया था। जाहिर तौर पर हमारे सपोर्ट स्टाफ में कुछ विदेशी थे। जब सुबह जाने की बारी आई और सब उत्सुक व तैयार थे तभी हमको संदेश दिया गया कि विदेशी सदस्यों को सुरक्षा कारणों से वहां एंट्री नहीं दी जाएगी। टीम के सपोर्ट स्टाफ में तीन दक्षिण अफ्रीकी सदस्य थे- मैं, पैडी अप्टन और एरिक सिमंस। बस फिर क्या था, एमएस ने पूरा इवेंट ही रद्द कर दिया, उन्होंने बस इतना कहा- ये मेरे लोग हैं। अगर उनको अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी, तो हम सभी नहीं जाएंगे। ऐसे ही हैं धोनी।'
गैरी कर्स्टन ने बताया कि, 'वो मेरे प्रति बहुत इमानदार और वफादार था। कई बार ऐसा होता था कि हम मैच नहीं जीतते थे और मुश्किल दौर में होते थे। हम दोनों उस दौरान काफी समय एक दूसरे के साथ बिताते थे और टीम के बारे में बातें करते थे कि कैसे आगे ले जाया जाए। जो तीन साल हमने साथ बिताए उसमें दोनों के बीच एक मजबूत रिश्ता बना।'
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