मेलबर्न: भारतीय महिला क्रिकेट टीम को महिला टी20 विश्व कप के फाइनल तक पहुंचाने में किसी एक खिलाड़ी ने अहम भूमिका अदा की है तो वो हैं 16 साल की शेफाली वर्मा। सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानने वाली शेफाली ने टूर्नामेंट में धमाकेदार अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए हर किसी का दिल जीत लिया। वो टूर्नामेंट में भारत की सबसे सफल बल्लेबाज हैं और विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ियों की सूची में भी 161 रन के साथ टॉप पांच में बनी हुई हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेले जाने वाले खिताबी मुकाबले में हर किसी की नजर शेफाली के प्रदर्शन पर टिकी होंगी। वहीं विरोधी टीम ऑस्ट्रेलिया भी उनके बल्ले को खामोश रखने के लिए चक्रव्यूह रच रही है।
इंग्लैंड की सलामी बल्लेबाज डैनियल व्याट ने फाइनल की पूर्व संध्या पर कहा कि शेफाली वर्मा को विश्व कप के फाइनल में रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया को दिमागी रूप से खेलना होगा। सोलह साल की शेफाली ने 161 की शानदार स्ट्राइक रेट से टूर्नामेंट में 161 रन बनाने के साथ भारत को शानदार शुरुआत दिलायी है।व्याट ने कहा, 'सब को पता है उसकी कमजोरी क्या है और शेफाली को भी यह पता है। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले उसके खिलाफ उस तरह की गेंदबाजी की है। आपको उसके खिलाफ दिमागी खेल खेलना होगा जिससे उसकी कमजोरी उजागर हो जाए।'
व्हाइट ने 2019 में महिला टी20 चैलेंज में इस युवा खिलाड़ी के साथ ड्रेसिंग रूम साझा किया था। उन्होंने कहा, 'जब वह विफल होती है तो वह जरूरत से ज्यादा भावुक हो जाती है। मैंने शेफाली समझाया कि वह ज्यादा तनाव ना ले यह सिर्फ क्रिकेट है।' व्याट ने कहा, 'जब आप टी20 में सलामी बल्लेबाज की भुमिका निभाते हैं जो स्थितियां आपके लिए काफी मुश्किल हो जाती हैं। आपको मैदान में उतरते ही बड़े शॉट लगाने होते हैं और ऐसे में विफल होने की संभावना अधिक होती है।'ॉ
(भाषा इनपुट के साथ)
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