मुंबई: टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज अजित अगरकर ने 191 वनडे, 26 टेस्ट और 4 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। वह उस टीम के सदस्य भी रहे, जिसने 2007 वर्ल्ड टी20 का खिताब जीता था। अगरकर ने 2013 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लिया था। तेज गेंदबाज ने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान 349 विकेट चटकाए और भारत के लिए सबसे बेहतर तेज गेंदबाजों में से एक रहे, विशेषकर वनडे प्रारूप में। मगर कम ही लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि शुरुआती करियर में अजित अगरकर को अगला सचिन तेंदुलकर माना जाता था।
अगरकर बल्लेबाज बनना चाहते थे और आकाश चोपड़ा ने भी पूर्व मुंबई के चयनकर्ता से बात करते समय यही बात कही। उल्लेखनीय है कि अगरकर के कोच भी रमाकांत आचरेकर रहे हैं, जिन्होंने सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का कहकरा सिखाया है।
अगरकर ने कहा, 'असल में इसकी शुरुआत हुई क्योंकि मैं बल्लेबाज बनना चाहता था। स्कूल में मैं रन बनाता था और हमारे कोच भी रमाकांत आचरेकर थे। उन्होंने मुझमें कुछ देखा था। सचिन तेंदुलकर तब उनकी कोचिंग से निकला बड़ा नाम थे। प्रवीण आमरे और अन्य कई सचिन से पहले अच्छा कर चुके थे। उनकी एकेडमी से कई लोग आते थे।'
तेंदुलकर का वो गिफ्ट
अगला सचिन तेंदुलकर बनने के बारे में बात करते हुए अगरकर ने स्पष्ट किया कि वह शुरुआती करियर में काफी रन बनाते थे इसलिए लोगों को लगता था कि वह अगले मास्टर ब्लास्टर बन सकते हैं। 42 साल के अगरकर ने कहा कि आज के युवाओं को ज्यादा आईपीएल खेलने को मिलता है अगर वह 16 की उम्र में दमदार खेलते हैं। अगरकर ने कहा, 'मैं शुरुआत में अच्छे रन बनाता था तो लोगों को लगता था कि मैं अगला सचिन तेंदुलकर बन सकता हूं। अब जब 16 की उम्र में आप अच्छा खेले तो आईपीएल खेलने को मिल जाता है, लेकिन तब यह राष्ट्रीय टीम में पहुंचने की पहली सीढ़ी होती थी। मैं रन बनाता था तो यह संदेश गया कि मुंबई से एक और खिलाड़ी आने में है। मगर उस उम्र में आप सिर्फ प्रगति के बारे में सोचते हैं।'
अजित अगरकर ने भारतीय टीम के लिए कई बार बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन किया और अपने आप को ऑलराउंडर के रूप में स्थापित करने की कोशिश की। उल्लेखनीय है कि अगरकर ने ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर टेस्ट शतक जमाया है, जो कमाल तेंदुलकर नहीं कर सके।
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