Boyott China: हो गया आधिकारिक ऐलान, आईपीएल 2020 के लिए अलग हुए BCCI और VIVO लेकिन..

आईपीएल 2020
भाषा
Updated Aug 06, 2020 | 18:13 IST

BCCI and VIVO part ways for IPL 2020, 6 August news : भारत-चीन के बिगड़ते रिश्तों को देखते हुए आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सर वीवो 2020 के संस्करण में आईपीए का हिस्सा नहीं होगी। बीसीसीआई ने औपचारिक घोषणा कर दी है।

BCCI and VIVO part ways for IPL 2020
आईपीएल 2020 से अलग हुआ वीवो।  |  तस्वीर साभार: Twitter

नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारत और चीन के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच गुरूवार को चीनी मोबाइल फोन कंपनी वीवो के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आगामी सत्र के लिये टाइटल प्रायोजन करार निलंबित कर दिया। बीसीसीआई ने एक पंक्ति का बयान भेजा जिसमें कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गयी और इसमें कहा गया कि वीवो इस साल आईपीएल के साथ जुड़ा नहीं होगा। जिसका मतलब ये भी हुआ कि मुमकिन है कि ये अलग होना सिर्फ इस संस्करण के लिए हैं।

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘बीसीसीआई और वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 2020 में इंडियन प्रीमियर लीग के लिये अपनी साझेदारी को निलंबित करने का फैसला किया है।’’ वीवो कंपनी ने कहा कि इस करार को विराम (पॉज) दिया गया है। इसके बयान के अनुसार, ‘‘बीसीसीआई और वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आपसी रजामंदी से इंडियन प्रीमियर लीग के 2020 सत्र के लिये अपनी भागीदारी को विराम देने का फैसला किया है।’’

5 साल का है करार

वीवो ने 2018 से 2022 तक पांच साल के लिये 2190 करोड़ रूपये (प्रत्येक वर्ष करीब 440 करोड़ रूपये) में आईपीएल प्रायोजन अधिकार हासिल किये थे। दोनों पक्ष एक योजना पर काम कर रहे हैं जिसमें वीवो फिर से तीन साल के लिये संशोधित शर्तों पर 2021 से वापसी कर सकता है। हालांकि बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी का इस पर विचार कुछ अलग था।

'क्या हम गंभीर हैं?'

बीसीसीआई के एक अनुभवी अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘‘हम यहां कूटनीतिक तनाव की बात कर रहे हैं और आप उम्मीद कर रहे हो कि नवंबर में जब आईपीएल खत्म हो जायेगा और अगला आईपीएल अप्रैल 2021 में शुरू होगा तो चीन विरोधी भावना नहीं होगी? क्या हम गंभीर हैं?’’ पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिसंक झड़प के बाद देश में चीन के खिलाफ भावनायें चरम पर पहुंच गयी। इसमें भारत के 20 सैनिकों की जान चली गयी जबकि चीन ने भी सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की।

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई इस घटना से भारत में चीनी कंपनियों और उत्पादों के बहिष्कार की बातें होने लगी। बीसीसीआई के अपने संविधान के अनुसार नये टाइटल प्रायोजक के लिये निविदा प्रक्रिया शुरू करने की संभावना है। टी20 लीग 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात में शुरू होगी जिसे भारत में बढ़ते कोविड-19 मामलों के कारण विदेश में आयोजित कराना पड़ रहा है।

फैसला पलटना पड़ा

रविवार को हुई आईपीएल संचालन परिषद की बैठक में फैसला किया गया था कि वीवो अन्य प्रायोजकों के साथ बना रहेगा, लेकिन यह घटना इसके बिलकुल उलट हुई। बीसीसीआई ने गलवान घाटी में हुई घटना के बाद जून में घोषणा की थी कि आईपीएल को लेकर सभी प्रायोजन करार की समीक्षा की जायेगी। हालांकि रविवार को हुई बैठक के बाद वीवो के साथ करार बरकरार रखने के कारण बीसीसीआई की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई थी। दोनों पक्षों ने इस सत्र के लिये आपसी रजामंदी से अलग होने की योजना बनायी। हालांकि इस करार के खत्म होने से फ्रेंचाइजी को भी नुकसान हो सकता है क्योंकि उन्हें भी प्रायोजन करार से काफी बड़ा हिस्सा मिलता था।

VIVO से होता था इतना फायदा

सालाना वीवो प्रायोजन राशि का आधा हिस्सा आठ फ्रेंचाइजी में बराबर बराबर बांटा जाता है जो 27.5 करोड़ रूपये तक आता है। अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी बीसीसीआई के लिये इतने कम समय में इस प्रायोजन राशि के बराबर प्रायोजक ढूंढना बहुत मुश्किल होगा। इसलिये बीसीसीआई और फ्रेंचाइजी दोनों को कुछ घाटे के लिये तैयार हो जाना चाहिए -- बीसीसीआई को ज्यादा लेकिन प्रत्येक फ्रेंचाइजी को वीवो के जाने से संभवत: 15 करोड़ रूपये का नुकसान होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस साल सभी के लिये मुश्किल होगा लेकिन शो चलता रहना चाहिए।’’

स्वदेशी जागरण मंच ने किया था विरोध

राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने भी लोगों को इस टी-20 क्रिकेट लीग का बहिष्कार करने पर विचार करने के लिए कहा था। एसजेएम के सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने एक बयान में कहा था कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और आईपीएल की संचालन समिति ने चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए भारतीय सैनिकों का अनादर किया है। महाजन ने कहा, ‘जब देश अर्थव्यवस्था को चीनी प्रभुत्व से मुक्त बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, सरकार चीन को हमारे बाजारों से दूर रखने के लिए सभी प्रयास कर रही है, ऐसे में आईपीएल यह फैसला देश की जनभावना के खिलाफ है।’

सीएआईटी ने गृहमंत्री को लिखा था पत्र

उधर, अखिल भारतीय व्यापारी संघ (सीएआईटी) ने भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अनुरोध किया था कि वे आईपीएल के 13वें संस्करण को दुबई में आयोजित कराने की अनुमति ना दें। भारत और चीन के बीच इस समय विवाद चल रहा है और उसके बावजूद बीसीसीआई ने ये करार जारी रखने का फैसला लिया था जिससे सीएआईटी नाराज था।

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