नई दिल्ली: चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) के कप्तान एमएस धोनी का प्रभाव मैदान के अंदर और बाहर काफी शक्तिशाली है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें एडिशन ने इस बात को कई बार प्रमाणित किया। भले ही सीएसके की टीम आईपीएल इतिहास में पहली बार प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रही हो, लेकिन एमएस धोनी सुर्खियों में सुपरहिट साबित हुए। 39 साल के एमएस धोनी के ह्यूमर का कोई जवाब नहीं। उनके बात करने का अंदाज और मैदान के अंदर व बाहर के एक्शंस अपनी ओर ध्यान आकर्षित कर ही लेते हैं।
मौजूदा आईपीएल में भी एमएस धोनी ने कुछ ऐसे फैसले या बयान दिए, जिसने सोशल मीडिया को हिलाकर रख दिया। जी हां, एमएस धोनी के फैसले या बयानों पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का सैलाब आया। आज हम आपको एमएस धोनी के आईपीएल 2020 में लिए ऐसे ही 5 फैसलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने सोशल मीडिया को हिलाकर रख दिया।
आईपीएल 2020 में चेन्नई सुपरकिंग्स के आखिरी लीग चरण मैच में यह दो बोल सोशल मीडिया की जान बन गए। किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ टॉस के समय डैनी मॉरिसन ने एमएस धोनी से पूछा कि येलो जर्सी में ये आपका आखिरी मैच है? इस पर कप्तान धोनी ने कहा 'डेफिनेटली नॉट!' इसी के साथ एमएस धोनी ने उन सभी संदेहों और कयासों पर विराम लगा दिया कि यह उनका आखिरी आईपीएल रहने वाला है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। अगले आईपीएल में धोनी को खेलता देखने के लिए फैंस अभी से बेहद उत्साहित हैं।
सीएसके को रॉयल्स के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी, जिसके बाद एमएस धोनी से पूछा गया कि युवा रुतुराज गायकवाड़ और एन जगदीशन को टीम से बाहर क्यों किया गया। इस पर धोनी ने जवाब दिया, 'युवाओं को नहीं खिलाने की आलोचना ठीक है। इस सीजन में हमने उम्दा नहीं खेला। शायद हमें अपने युवाओं में वो चिंगारी नहीं दिखी। शायद आगे चलकर हम उन्हें मौका दें और वो बिना दबाव के खेले।' धोनी के इस बयान की जमकर आलोचना हुई। इस बयान के बाद भी सोशल मीडिया पर विचारों का जमकर आदान-प्रदान हुआ। बाद में सीएसके ने युवाओं को मौका दिया और रुतुराज गायकवाड़ ने अपनी उपयोगिता साबित भी की।
सीएसके और एसआरएच के बीच महत्वपूर्ण मैच था और 19वें ओवर में रोमांच अपने चरम पर था। ऑरेंज आर्मी को इस मैच में शिकस्त झेलनी पड़ी थी। मगर इस मैच में विवाद हो गया था। शार्दुल ठाकुर ने 19वें ओवर की दूसरी गेंद डाली, जो वाइड की लाइन के जरा बाहर थी। एमएस धोनी ने गेंद पकड़ी और तब भड़क गए जब अंपायर पॉल रीफिल इसे वाइड करार देने जा रहे थे। अंपायर ने बीच में ही अपना फैसला बदल लिया और बिना वाइड दिए हाथ पीछे मोड़ लिए। सीएसके ने यह मैच जीता, लेकिन धोनी को लेकर सोशल मीडिया पर फिर बवाल मचा। कई यूजर्स का कहना था कि धोनी ने अंपायर को अपने मन के हिसाब से चलाया। इस विषय पर काफी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली।
सीएसके और आरआर के बीच मुकाबला चल रहा था। रॉयल्स की जीत तय हो चुकी थी क्योंकि सीएसके को आखिरी ओवर में जीत के लिए 38 रन की दरकार थी। एमएस धोनी तब 12 गेंदों में 9 रन बनाकर खेल रहे थे। एमएस धोनी ने तब सीएसके के फैंस का उत्साह बढ़ाया और टॉम करन की लगातार तीन गेंदों में तीन छक्के जमा दिए। एमएस धोनी के इन छक्कों पर यूजर्स की मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिली। कुछ ने कहा कि धोनी में अब पहले जैसी बात नहीं कि वो मैच फिनिश कर पाते हैं, वहीं एक धड़ा इस बात पर टिका कि इतनी उम्र होने के बावजूद धोनी मनोरंजन करने में सफल रहे।
चेन्नई सुपरकिंग्स को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 217 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करना था। शारजाह के छोटे मैदान पर सीएसके से उम्मीद थी कि वह लक्ष्य का पीछा कर सकती है। मगर चीजें सीएसके के मुताबिक नहीं हुई, जो 9वें ओवर में 77/3 के स्कोर पर संघर्ष कर रही थी। फैंस को उम्मीद थी कि जरूरत को देखते हुए धोनी पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आएंगे, लेकिन माही ने पहले केदार जाधव और रुतुराज गायकवाड़ को भेजा। वो दोनों फ्लॉप रहे। धोनी सातवें नंबर पर खेलने उतरे। उनकी जमकर किरकिरी हुई।
मैच के बाद धोनी ने कहा, 'मैंने लंबे समय से बल्लेबाजी नहीं की है। 14 दिन के क्वारंटीन से मदद नहीं मिली। हम कुछ भी प्रयोग करना चाहते थे और सैम को मौका देना चाहते थे।' सीएसके यह मुकाबला हारा, लेकिन मुकाबला धोनी के बल्लेबाजी क्रम के विवाद के कारण यादगार बना।
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