जब हार्दिक पांड्या की जमकर हुई थी कुटाई, एमएस धोनी ने सिखाया जिदंगीभर का सबक

Hardik Pandya about MS Dhoni: हार्दिक पांड्या के इंटरनेशनल करियर की शुरुआत बड़ी खौफनाक अंदाज में हुई थी। उन्‍होंने केवल 8 गेंदों में 26 रन लुटाए थे। फिर एमएस धोनी ने उन्‍हें एक बेहद महत्‍वपूर्ण बात बताई।

ms dhoni and hardik pandya
एमएस धोनी और हार्दिक पांड्या 
मुख्य बातें
  • हार्दिक पांड्या ने 2016 में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में अंतरराष्‍ट्रीय डेब्‍यू किया
  • ऑलराउंडर ने शुरुआती 8 गेंदों में 26 रन लुटाए थे, जिससे टीम इंडिया की मुश्किलें बढ़ी
  • खराब आंकड़ें होने के बावजूद धोनी ने पांड्या पर भरोसा जताया, जिन्‍होंने वापसी करते हुए दो महत्‍वपूर्ण विकेट चटकाए

नई दिल्‍ली: भाग्‍यशाली हैं वो क्रिकेटर, जिन्‍होंने एमएस धोनी की कप्‍तानी में अपने अंतरराष्‍ट्रीय करियर का आगाज किया। धोनी को भारत के सर्वकालिक महान कप्‍तानों में से एक माना जाता है। उनके नेतृत्‍व में टीम इंडिया ने बुलंदियों को छुआ। इन भाग्‍यशाली क्रिकेटरों में से एक रहे हार्दिक पांड्या। हालांकि, उनका डेब्‍यू बहुत अच्‍छा नहीं रहा। 2016 में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में हार्दिक पांड्या ने पहली बार नीली जर्सी पहनी। उन्‍हें धोनी के अंतर्गत खेलते हुए जिंदगीभर का पाठ सीखने को मिला।

26 जनवरी 2016 को भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच एडिलेड में पहला टी20 इंटरनेशनल मैच खेला जा रहा था। हार्दिक पांड्या ने अपना अंतरराष्‍ट्रीय डेब्‍यू किया। अपने गेंदबाजों को आजादी देने के लिए पहचाने जाने वाले एमएस धोनी ने हार्दिक को भी छूट दी। मगर वह हैरान रह गए। हार्दिक पांड्या ने पहले ओवर में 19 रन लुटा दिए। अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट में हार्दिक पांड्या की पहली तीन गेंदें वाइड थीं।

डेब्‍यू में समाप्‍त करियर 

क्रिकबज से बातचीत में इस घटना को याद करते हुए हार्दिक पांड्या ने खुलासा किया कि कैसे डेब्‍यू वाले दिन ही उनके मन में ख्‍याल आया कि करियर खत्‍म हो गया। हार्दिक ने कहा, 'मुझे तो लगा कि मेरा करियर खत्‍म हो गया। घरेलू क्रिकेट में भी मेरी इस तरह कभी कुटाई नहीं हुई थी। मैंने सिर्फ 8 गेंदों में 26 रन खर्च किए थे।' हालांकि, हार्दिक ने वापसी की और दो विकेट लिए। भारत ने ऑस्‍ट्रेलिया को 37 रन से मात दी थी।

माही भाई ने जब कॉल किया...

हार्दिक पांड्या ने स्‍वीकार किया कि जब धोनी का फोन आया तो वह सुन्‍न पड़ गए थे। उन्‍होंने कहा, 'माही भाई ने मुझे फोन किया। पहले दो-तीन सेकंड मैं हिला भी नहीं।' हर्षा भोगले ने भी ध्‍यान दिलाया कि रविचंद्रन अश्विन को एमएस धोनी को कितना साथ मिला जबकि वह मैच में खूब महंगे साबित हो रहे थे। उन्‍होंने कहा, 'रविचंद्रन अश्विन भी बहुत महंगे साबित हो रहे थे। धोनी ने उन्‍हें कुछ नहीं कहा, लेकिन लगातार प्रयोग करने की अनुमति दी।'

पांड्या ने कहा कि धोनी ने उन्‍हें भी कुछ नहीं कहा और वह चाहते हैं कि अपने खराब प्रदर्शन से खुद सीख लो। उन्‍होंने कहा, 'माही भाई ने मुझसे वहां बात नहीं की। वो चाहते थे कि मैं खुद अपने अनुभवों से सीखूं। मेरे ख्‍याल से उन्‍होंने अपने अनुभव के कारण कुछ अच्‍छा किया है। मैं इस बात से खुश था कि भारत के लिए खेल रहा हूं। उस पल मैं कह सकता था कि मैं माही, कोहली और रोहित को जानता हूं।'

भारतीय ऑलराउंडर ने एक भी शब्‍द नहीं कहते हुए कि धोनी ने जिंदगीभर का सबक दिया, कहा- छह महीने पहले जिन क्रिकेटरों का मैं सम्‍मान करता था, अब उनके साथ खेल रहा हूं। मैं उनके साथ खेल रहा हूं, जिनको देखकर काफी सम्‍मान करता था। ऐसी स्थिति जब अन्‍य कप्‍तान हार्दिक पर शायद भरोसा नहीं जताते तो पता नहीं आगे उनका भविष्‍य क्‍या होता।

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