नई दिल्ली। झारखंड में वो बेबसी की शिकार थी। उसे लगता था कि देश की राजधानी दिल्ली उसकी किस्मत संवार देगी। उसी उम्मीद के साथ उसने झारखंड से दिल्ली की सफर तय किया और उसके टैगोर गार्डेन में आसरा मिला। जिंदगी की जद्दोजहद से जुझती हुई उस पीड़िता को नौकरी भी मिली। लेकिन उसे क्या पता था कि जिन दो लोगों ने उसकी किस्मत को चमकाने का भरोसा दिया था उनके दिल और दिमाग में कुछ और ही चल रहा था।
जिसने दी नौकरी उसने लूटी इज्जत
पीड़िता घरों में काम किया करती थी। उसकी जिंदगी पटरी पर आ चुकी थी। लेकिन अस्मत के लुटेरों ने उसकी अस्मत लूट ली यानी उसके साथ बलात्कार किया। दोनों आरोपी अलविश और नोलेज प्रेम पुलिस के कब्जे में है। आरोपियों में से एक ड्राइवर तो दूसरा हाउसकीपिंग से जुड़ा हुआ है। पीड़िता का कहना है कि सात वर्ष पहले वो दिल्ली शहर आई थी।
आरोपी जान पहचान वाले निकले
पीड़िता का कहना है कि उसे पूनम नाम की एक महिला दिल्ली लेकर आई और काम दिलाया। लेकिन जब वो अपनी तनख्वाह मांगती थी वो उसे मारा पीटा करती थी। उसके बाद वो निशा नाम की एक महिला के संपर्क में आई जो आरोपी प्रेम की बहन लगती है। निशा की मदद से उसे दूसरे आरोप अलविश के घर में काम मिल गया। लेकिन उसे क्या पता था कि जिन्होंने उसे काम दिया वो अस्मत के लुटेरे निकल जाएंगे। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस केस में जो जानकारी सामने आई उसके मुताबिक पीड़िता और आरोपी एक दूसरे को जानता थे।