नई दिल्ली : दक्षिण पश्चिम दिल्ली के पुराने नांगल गांव में नौ साल की बच्ची से कथित दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार सुबह पीड़ित परिवार से मिले उन्हें सांत्वना दी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे लेकिन उन्हें नाराज लोगों की नारेबाजी का सामना करना पड़ा। केजरीवाल ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया है। गुस्साए लोगों ने घटना के दोषियों की फांसी की सजा देने की मांग की है। लड़की की मां का कहना है कि 'आरोपियों को उनकी बच्ची की तरह जलाया जाना चाहिए।'
भीम ऑर्मी ने परिवार को कानूनी मदद देने की पेशकश की
भीम ऑर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने परिवार को कानूनी मदद देने की पेशकश की है। पीड़ित परिवार को आशंका है कि हत्या से पहले उनकी बेटी का रेप हुआ। लड़की की मां का कहना है कि जब उनकी बेटी की जबरन अंत्येष्टि की गई तो उसके पिता वहां नहीं थे और उसे चिता से दूरी पर बैठाया गया।
एसीपी रैंक के एक अधिकारी करेंगे जांच
मामला सामने आने के बाद संयुक्त आयुक्त जसपाल सिंह एवं डीसीपी इंगित प्रताप सिंह धरनास्थल पहुंचे और ग्रामीणों की शिकायतें सुनीं। सिंह ने कहा, 'चार आरोपियों पुजारी राधे श्याम (55), कुलदीप कुमार (63), लक्ष्मी नारायण (48) और महम्मद सलीम (49) को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। मृत बच्चे के अवशेषों का पोस्टमार्टम करने के लिए तीन सदस्यीय चिकित्सों की एक टीम बनाई गई है। जबकि एसीपी रैंक का एक अधिकारी इस केस की जांच करेगा।'
मां ने सभी आरोपियों को फांसी की सजा मांगी
लड़की की मां ने टीओआई से बातचीत में कहा, 'आरोपियों को मेरी बेटी की तरह जलाया जाना जाना चाहिए। मैं चाहती हूं कि सभी आरोपियों को फांसी की सजा मिले। मुझे पुजारी ने इस घटना की जानकारी दी और मुझे लेकर श्मशान स्थल पहुंचा। यहां एक बेंच पर मेरी बेटी को लिटाया गया था। उसके होठ नीले पड़ गए थे और उसके साथ पर जलने के निशान थे।'
'कोने में मुझे बिठाकर बेटी का दाह किया'
लड़की की मां ने कहा, 'पुजारी और श्मशान के कर्मचारियों ने मुझसे आधार कार्ड जैसे किसी दस्तावेज की मांग नहीं की। उन्होंने मुझे बताया कि मैंने इस बारे में यदि किसी को बताया तो परिवार की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। मुझे एक कोने में बिठाकर उन्होंने मेरी बेटी का दाह-संस्कार किया। जब मैं विरोध के लिए खड़ी हुई तो उन्होंने मुझे चिता तक जाने नहीं दिया। शव जलने के बाद मेरी बेटी के एंडी का हिस्सा बचा रह गया। पुजारी और उसके साथी मेरे पति से एक दस्तावेज पर दस्तखत चाह रहे थे लेकिन उन्होंने हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। इसके बाद ग्रामीण श्मशान गृह पहुंचे और आरोपियों की पिटाई की। इसके बाद पुलिस बुलाई गई।' लड़की के पिता का कहना है कि वह सब्जी खरीदने के लिए गए थे और जब वापस लौटे तो उनकी बेटी की चिता में आग लगाई जा चुकी थी।
'आरोपियों को कोई अधिकार नहीं था'
लड़की के पिता का कहना है, 'आरोपियों ने कहा कि पुलिस में केस दर्ज की जाएगी कि लड़की की मौत बिजली का करंट लगने से हुई। मैंने उनसे कहा कि पिता होने के नाते मुझे जो सही लगता मैं वह करता। उसे अस्पताल ले जाता। आरोपियों को मेरी बेटी का अंतिम संस्कार करने का कोई अधिकार नहीं था। श्मशान घाट पर जब लोग एकत्र हुए तो पुजारी ने माना कि उसने गलत काम किया है।' बच्ची के पिता का कहना है कि गत रविवार शाम करीब 5:30 बजे उनकी बेटी श्मशान घाट में पानी लेने गई, जिसके बाद वापस नहीं आई।
बाद में जोड़ी गई रेप की धारा
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, 'सीसीटीवी फुटेज में आरोपी शव के अवशेष उठाते हुए दिखे हैं। लड़की की मां का बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज हुआ जिसमें रेप का आरोप नहीं लगाया गया है। एससी-एसटी आयोग ने जब परिवार से बात की तब रेप के केस जोड़ गया। लड़की को शाम 5.30 बजे के करीब श्मशान गृह लाया गया और छह बजे के करीब पुजारी लड़की की मां तलाश करना शुरू किया। एक आरोपी स्कूटर से लड़की के पिता को श्मशान गृह लेकर आया।'