ठाणे : महाराष्ट्र में ठाणे की एक अदालत ने 2017 में अपनी नाबालिग बेटी का यौन शोषण करने के आरोपी 51 वर्षीय शख्स को बरी कर दिया है। जिला न्यायाधीश के. डी. शिरभाटे ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोपों को साबित करने में बुरी तरह विफल रहा इसलिए उसे बरी करने की जरूरत है।
पॉक्सो के तहत दर्ज हुआ था केस
आरोपी पर आईपीसी की धारा 354, 504, 506, 100 (3) और बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) कानून की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि पीड़िता बच्ची थी जब उसके माता-पिताअलग हो गए थे और वह ठाणे शहर के पंचपखाड़ी इलाके में अपने पिता के साथ रहती थी।
'सो रही होती थी तब पिता करता था यौन शोषण'
अभियोजन ने आरोप लगाया कि आरोपी पीड़िता का आए दिन तब यौन शोषण करता था जब वह सो रही होती थी। पीड़िता 25 दिसंबर 2017 को अपने दोस्तों के साथ बाहर गई थी। बाद में वह घर लौटी और खाना खाया। जब वह सोने गई तो उसके पिता ने फिर से उसका यौन शोषण किया। उस समय 17 साल की पीड़िता 12 कक्षा की छात्रा थी।
चाकू लिए देखाकर रेप का आरोप
अभियोजन ने बताया कि पीड़िता अचानक उठ गई और उसने अपने पिता को हाथ में चाकू लिए देखा और वह उसके साथ यौन संबंध बनाने की बात कह रहा था। जब उसने विरोध किया तो आरोपी ने चाकू से उस पर हमला करने की कोशिश की और इस दौरान दोनों को हाथ में चोटें आयी।
आरोप नहीं हो सका साबित
अभियोजन ने बताया कि पीड़िता घर से बाहर भागी और एक पड़ोसी को घटना के बारे में बताया जिसने आरोपी को पकड़ लिया और उसे पुलिस को सौंप दिया। बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि आरोपी को झूठा फंसाया गया है और शिकायत में कोई सच्चाई नहीं है। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष की दलीलें मान ली और आरोपी को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन उसके खिलाफ आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा।