हिजाब याचिकाकर्ता के भाई पर भीड़ का हमला, पिता को पीटा, उसके होटल को किया तहस नहस

कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब विवाद पर सुनवाई चल रही है। इसी बीच एक हिजाब याचिकाकर्ता के भाई पर 50 लोगों की भीड़ ने हमला किया और उसके होटल तहस नहस कर दिया।

Hijab petitioner's brother attacked by mob, beat up father, destroyed his hotel
हिजाब याचिकाकर्ता के भाई पर हमला (तस्वीर-istock)  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब विवाद पर सुनवाई चल रही है।
  • मुस्लिम छात्राओं और महिला शिक्षकों ने हिजाब पहनने के अधिकार की मांग को लेकर अर्जी दी है।
  • एक याचिकाकर्ता के भाई, पिता और उसके होटल में सोमवार की रात हो 50 लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया।

बेंगलुरु: उडुपी में सोमवार की रात भीड़ ने एक हिजाब याचिकाकर्ता के भाई पर हमला कर दिया। उसके साथ मारपीट की और उसके होटल में भी जमकर उत्पात मचाया। कर्नाटक पुलिस के मुताबिक, रात करीब साढ़े 9 बजे करीब 50 लोग याचिकाकर्ता के पिता के होटल में घुस गए जब वे रात में होटल बंद कर रहे थे। पुलिस ने यह भी कहा कि भीड़ ने याचिकाकर्ता के भाई पर हमला किया, उसके पिता को पीटा और होटल पर पत्थर बरसाए, खिड़की के शीशे तोड़ दिए। मालपे पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। याचिकाकर्ता के भाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भीड़ में से किसी की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस ने दंगा करने और चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया है। 

पुलिस सूत्र के अनुसार, याचिकाकर्ता के भाई को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वह एक स्थानीय समाचार चैनल पर हिजाब विवाद पर एक बहस में शामिल हुआ था। मारपीट करने वाली भीड़ ने उनसे बहस के दौरान की गई टिप्पणियों के बारे में सवाल किया।

एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हमें संदेह है कि एक हिंदुत्व समर्थक संगठन ने होटल पर हमला किया। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने भीड़ पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 143,145, 147, 323, 504 और 506 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। घटना के बाद, याचिकाकर्ता ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए ट्विटर का सहारा लिया।

इस बीच, मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य के स्कूलों और विश्वविद्यालयों में मुस्लिम छात्रों और शिक्षकों द्वारा हिजाब पहनने के अधिकार की मांग करने वाली याचिकाओं का विरोध करने वाले सरकारी वकीलों की तीखी दलीलें सुनीं। एडवोकेट जनरल ने मंगलवार को बॉलीवुड की मशहूर फिल्म 'हमराज' का हवाला देते हुए अपनी दलीलें पूरी कीं। उन्होंने 'न मुंह छुपा के जियो, न सर झुका के जियो' गाया। गमों का दौर भी ऐ तो मुस्कुरा के जियो।'
 

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