कानपुर : बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की बेदर्दी से हत्या करने वाला हिस्ट्री शीटर विकास दुबे की जिले में तूती बोलती है। उसकी इच्छा के बगैर उसके गांव में एक पत्ता तक नहीं हिलता है। विकास की दहशत एवं खौफ का आलम यह है कि ग्रामीण गांव के कुएं से पानी निकालने के बारे में सौ बार सोचते हैं। पिछले कुछ वर्षों में विकास ने खुद को मिलने वाली चुनौतियों को इतनी निर्दयता पूर्वक कुचला है कि उसके जुल्म एवं अत्याचार से पूरा इलाका भय खाता है। लोग उसके कारनामों को चंबल के किस्सों से जोड़ते हैं। उसके नाम का भय एवं खौफ इतना है कि लोग उसे बिकरू का 'गब्बर सिंह' के नाम से भी जानते हैं।
विकास की इजाजत के बिना कोई कुंए से पानी नहीं निकाल सकता
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बिकरू गांव के बाहरी इलाके में पेड़ के नीचे बैठे एक ग्रामीण ने बताया, 'विकास के नाम का जयकारा किए बगैर कोई भी आदमी गांव के कुएं से पानी नहीं निकाल सकता। अगर कोई इस नियम को तोड़ता है तो उसे बड़ी सजा मिलती है। मैं जब केवल 10 वर्षों का था तो मैं कुएं से पानी निकालने से पहले उसके नाम का जयकारा लगाना भूल गया। इसके लिए मुझे काफी प्रताड़ित किया गया। मुझे कुएं की घिरनी से लटकाकर विकास के गुर्गों ने ऊपर-नीचे खींचा। मेरे अलावा चार अन्य को भी इसी तरह की सजा मिली।'
नाफरमानी करने वालों को मिलती है कड़ी सजा
बताया जाता है कि कुछ साल पहले गांव के कुछ हैंडपंप में पानी आना बंद हो गया। इसके बाद ग्रामीण पानी के लिए इस कुएं की तरफ रुख करने लगे। इस कुंए पर दुबे और उसका परिवार अपना दावा करता है। विकास के परिवार के अत्याचार को याद करते हुए एक दूसरे ग्रामीण ने कहा, 'कुंए से पानी निकालने के लिए गांव की महिलाएं और बच्चे उसके घर के सामने कतार लगाकर खड़े होते हैं। कभी-कभी तो विकास पानी निकालने की इजाजत देने में घंटों इंतजार कराता था लेकिन किसी में भी इतनी हिम्मत नहीं होती थी कि बिना उसकी मंजूरी लिए कोई कुंए की तरफ बढ़ जाए।' ग्रामीण ने कहा कि गुस्सा हमेशा विकास की नाक पर रहता है और उसकी कोई भी बात पूरे गांव पर कंगारू कोर्ट के फैसले की तरह लागू होती है।
पेड़ के सभी पक्षियों को मार दिया
बिकरू की निवासी पिंकी पांडे ने कहा, 'स्थानीय पुलिस स्टेशन चौबेपुर के पुलिसकर्मी मानो कि उसके पे-रोल पर थे। कोई भी पुलिसकर्मी उसके काम में दखलंदाजी करने की हिम्मत नहीं करता है।' एक अन्य ग्रामीण ने कहा, 'विकास अपने घर के समीप बगीचे में एक बार पंचायत कर रहा था। इसी दौरान किसी पक्षी का मल उसके कंधे पर आकर गिर गया। इसके बाद विकास गुस्से में आकर अपनी बंदूक निकाल लिया और पक्षियों को तब तक निशाना बनाता रहा जब तक कि बरगद के पड़े के सभी पक्षी नीचे नहीं गिर गए। इसके बाद उसका अट्टाहस पूरे गांव में सुनाई दिया।'
बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या
बता दें कि गत दो जुलाई की रात विकास को गिरफ्तार करने उसके बिकरू गांव पहुंची पुलिस टीम पर जानलेवा हमला किया। पुलिस टीम पर यह हमला विकास एवं उसके गुर्गों ने किया। घात लगाकर किए गए इस हमले में दो पुलिस अधिकारी सहित आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। घटना के बाद से विकास अपने साथियों के साथ फरार हो गया है। विकास को पकड़ने के लिए यूपी पुलिस की 40 टीमें अलग-अलग जगहों पर दबिश दे रही हैं।
दबोचने के लिए यूपी पुलिस दे रहरी दबिश
विकास को अंतिम बार फरीदाबाद में देखे जाने की बात कही जा रही है। विकास के बारे में सुराग पाने के लिए पुलिस ने उसके सिर पर इनाम की राशि बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दी है। बताया जा रहा है कि विकास दिल्ली के किसी कोर्ट में सरेंडर करने की कोशिश में है। उसे दबोचने के लिए यूपी पुलिस हरियाणा और दिल्ली पुलिस के साथ संपर्क में है। कानपुर मुठभेड़ मामले में फरीदाबाद में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।