औरंगाबाद : महाराष्ट्र में 50 वर्षीय उस दलित महिला की मौत हो गई है जिसे एक व्यक्ति ने जिंदा आग लगा दी थी। अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। यह घटना रविवार आधी रात को सिल्लोड तहसील के अंधारी गांव में उस समय हुई थी जब महिला ने व्यक्ति को अपने घर में घुसने से रोकने की कोशिश की थी। करीब 95 प्रतिशत तक झुलसी महिला को यहां एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सुरेश हरबड़े ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘उसका बुधवार रात निधन हो गया। सिल्लोड (ग्रामीण) पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी संतोष मोहिते (50) इसी गांव में रहता है और उसे मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच, औरंगाबाद से लोकसभा सदस्य इम्तियाज जलील ने मांग की कि मामले की त्वरित अदालत में कार्रवाई हो ताकि पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिल सके।
मामले की जांच की मांग
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिम के नेता ने बताया कि उन्होंने संसद में मांग की कि औरंगाबाद के इस मामले और वर्धा में एक महिला को आग लगाए जाने के मामले की सुनवाई त्वरित अदालतों में की जाए। वर्धा में भी 25 वर्षीय एक शिक्षिका को उसका पीछा करने वाले एक व्यक्ति ने आग लगा दी थी जिससे वह बुरी तरह झुलस गई।
बदमाश ने महिला को लगाई आग
पुलिस ने बताया कि औरंगाबाद मामले में मोहिते ने महिला के घर में जबरन प्रवेश करने के बाद उसे आग लगा दी। सिल्लोड (ग्रामीण) पुलिस थाना निरीक्षक किरण बिडवे ने बताया कि मौत से पहले पुलिस को दिए गए महिला के बयान के अनुसार उसने मोहिते को घर से बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। उनके बीच झगड़ा हुआ, जिसके बाद मोहिते ने महिला को आग लगा दी।
आग लगाकर दरवजा कर दिया बंद
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने बाद में दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और वह फरार हो गया। महिला की चीखने की आवाज सुनने पर पास ही में रहने वाले उसके कुछ रिश्तेदार दौड़कर आए और उसे एक स्थानीय अस्पताल लेकर गए जहां से उसे औरंगाबाद शहर के सरकारी अस्पताल भेज दिया गया है।
अस्पताल में तड़पकर हुई मौत
इससे पहले, हरबड़े ने बताया था कि महिला 95 फीसदी तक झुलस गई थी और उसे ऑक्सीजन सहयोग प्रणाली पर रखा गया था।
अधिकारी ने बताया कि महिला विवाहित है और उसकी दो बेटियां हैं तथा वह अपने घर में अकेले रहती है। आरोपी को 10 फरवरी तक पुलिस हिरासत में रखा गया है और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।