पैसों का खतरनाक खेल! बीमा के 5 करोड़ रुपए पाने के लालच में कर दी अपने ही बेटे, पत्नी की हत्या

पैसों का लालच इंसान को क्या से क्या बना देता है। एक व्यक्ति पैसे के लालच में इतना अंधा हो गया कि उसने बीमा के रुपए पाने के लिए अपने ही बेटे और पत्नी की जान लेने से नहीं हिचकिचाया।

man killed wife and son for insurance money
बीमा के पैसों के लिए पत्नी व बेटे की हत्या की  |  तस्वीर साभार: Representative Image

नई दिल्ली : बीमा के पैसों के लिए कोई शख्स अपने परिवार की भी हत्या कर सकता है। सुनने में ये थोड़ा अजीब जरूर लग रहा है लेकिन दुनिया में कई लोग ऐसे भी हैं जो पैसों के लालच के लिए इस तरह के कदम उठाने से भी नहीं हिचकिचाते। ताजा मामला अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से सामने आया है। कार्ल कार्लसन नाम का ये शख्स पहले 2008 में बीमा के 5 करोड़ रुपयों के लिए अपने ही बेटे की हत्या कर दी। इससे पहले उसने 1991 में भी उसने इसी वजह से अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी।

59 वर्षीय इस शख्स ने कोर्ट में अपना जुर्म कबूल कर लिया है जिसे अब 15 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। उसने सबसे पहले अपनी पत्नी की हत्या की थी इसके बाद इसकी जांच में जब उस पर कोई आंच नहीं आई तो आगे चलकर लालच में उसने फिर अपने बेटे की हत्या कर दी। बाद में इस मामले की गहनता से जांच की गई तो पूरी सच्चाई का पता चला जो हैरान करने वाला था। 

न्यूयॉर्क पुलिस के मुताबिक कार्लसन की 30 वर्षीय पत्नी की 1991 में रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी। वह बाथरुम में थी इसी दौरान किसी अनजान कारणों से वहां आग लग गई और अंदर में ही दम घुटकर उसकी मौत हो गई। पत्नी की मौत के बाद शख्स ने उसके बीमा के 215,000 डॉलर यानि कि करीब डेढ़ करोड़ रुपए निकलवा लिए। इसके बाद वह अपने बेटे के साथ दूसरी जगह पर जाकर शिफ्ट हो गया। 

कोर्ट में सुनवाई के दौरान पाया गया कि उसने जानबूझ कर पत्नी के बाथरुम में आग लगाई थी ताकि उसकी मौत हो जाए। इसके बाद 2011 में उसने अपने बेटे की रहस्यमयी सड़क एक्सीडेंट में हत्या करवा दी थी। इस जघन्य अपराध के लिए उसे बिना पैरोल के अधिकतम से अधिकतम जेल की सजा सुनाई गई है।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान मृतका की मां भी मौजूद थी। मजिस्ट्रेट के सामने बयान देते हुए उसने बताया कि उसकी बेटी की मौत के बाद उसका दामाद वहां से शिफ्ट हो गया और दूसरी जगह पर एक नया घर लिया अपने सारे कर्जे और बिल चुकाए।

उन्होंने कहा कि हम तीस सालों से इस फैसले का इंतजार कर रहे थे लेकिन अब लगता है कि इसका अंत हो गया है। हमने प्रार्थना करनी नहीं छोड़ी और हमें भगवान पर पूरा भरोसा था कि वह हमारी बेटी के साथ न्याय करेगा और हमारी आवाज सुनेगा। 

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