मुरादाबाद : मुर्दाघर के डीप फ्रीजर में चमत्कारिक ढंग से जिंदा मिले 40 वर्षीय व्यक्ति की मंगलवार रात मेरठ मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक की पहचान श्रीकेश कुमार के रूप में हुई है। इससे पहले श्रीकेश को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक सरकारी डॉक्टर ने गलती से मृत घोषित कर दिया था। सिर में गंभीर चोट लगने के बाद वह व्यक्ति कोमा में चला गया था। ब्लीडिंग डिसऑर्डर होने की वजह से उनका ऑपरेशन नहीं किया जा सका।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित वेंटिलेटर पर था और उसका इलाज सही तरीके नहीं चल रहा था। श्रीकेश के भाई सत्यानंद गौतम ने कहा कि उसका भाई पांच दिनों के बाद जीवन की लड़ाई हार गया। जब भी उनके परिवार ने उन्हें उनके नाम से बुलाया तब उन्होंने ठीक होने के संकेत दिखाए। परिवार ने कहा कि उसके ब्रेन में खून जम गया था। परिवार का कहना है कि उसकी मौत के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। मुरादाबाद जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ शिव सिंह कहते हैं कि कल शाम उनकी मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग मामले की जांच कर रहा है।
मृतक नगर निगम में बिजली मिस्त्री का काम करता था और पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा था। मुरादाबाद में एक दुर्घटना में श्रीकेश के सिर में चोट लग गई और गुरुवार रात उसे एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया। बाद में श्रीकेश को मुरादाबाद जिला अस्पताल लाया गया जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम करने से पहले श्रीकेश को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया।
मृत घोषित होने के सात घंटे बाद जीवित होने के लक्षण दिखाए जब डॉक्टर 'पंचनामा' की औपचारिकताएं पूरी कर रहे थे। परिवार द्वारा हस्ताक्षरित एक दस्तावेज जो शरीर की पहचान करता है और पोस्टमार्टम के लिए सहमत होता है।