मेघालय बीजेपी का बड़ा नेता बर्नाड एन मराक यूपी में गिरफ्तार, सेक्स रैकेट चलाने का आरोप

मेघालय में फॉर्म हाउस के जरिए सेक्स रैकेट चलाने वाला बीजेपी नेता बर्नाड एन मराक पुलिस के हत्थे चढ़ गया। यूपी पुलिस ने उसे हापुड़ से गिरफ्तार किया है।

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मेघालय बीजेपी का बड़ा नेता है बर्नाड एन मराक  |  तस्वीर साभार: फेसबुक
मुख्य बातें
  • मेघालय पुलिस ने पश्चिमी गारो में मारा था छापा
  • बर्नाड एन मराक, मेघालय बीजेपी यूनिट का उपाध्यक्ष
  • यूपी के हापुड़ से हुई गिरफ्तारी

मेघालय बीजेपी का एक बड़ा नेता बर्नार्ड एन मराक एकाएक चर्चा में आया जब यह पता चला कि वो फॉर्म हाउस में सेक्स रैकेट चलाता है। हालांकि इसकी गिरफ्तारी यूपी के हापुड़ से हुई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मेघालय इकाई के उपाध्यक्ष बर्नाड एन मराक को अपने फार्म हाऊस पर कथित रूप से वेश्यालय चलाने को लेकर मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हापुड़ से गिरफ्तार किया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।

मराक के फॉर्म हाउस पर हुई थी छापेमारी
मेघालय पुलिस ने शनिवार को पश्चिम गारो पर्वतीय जिले में पूर्व उग्रवादी नेता मराक के फार्म हाऊस पर छापा मारा था जहां से उसने छह नाबालिगों को मुक्त कराया था एवं 73 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया था। तब से मराक फरार चल रहे थे।पश्चिम गारो पर्वतीय जिले के पुलिस अधीक्षक विवेकानंद सिंह ने कहा, ‘‘ बर्नाड एन मराक उर्फ तूरा के रिंपू को उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार किया गया है। उन्हें तूरा लाने के लिए एक टीम उत्तर प्रदेश भेजी जा रही है।’’

सिंह ने बताया कि मेघालय पुलिस द्वारा मराक के विरूद्ध लुक आऊट नोटिस जारी किये जाने के कुछ घंटे बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें हापुड़ में गिरफ्तार किया।किसी के विरूद्ध लुकआउट नोटिस इसलिए जारी किया जाता है ताकि वह देश छोड़कर न भाग पाए।
तूरा की एक अदालत ने सोमवार को भाजपा नेता के विरूद्ध गिरफ्तारी का गैर जमानती वारंट जारी किया था।भाजपा, मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (एनपीपी) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है।

बीजेपी का उपाध्यक्ष है मराक
मेघालय पुलिस ने कहा कि भाजपा उपाध्यक्ष को जांच में सहयोग करने एवं शिलांग सदर थाने में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था लेकिन वह गिरफ्तारी से बचते फिर रहे थे।उग्रवादी से नेता बने मराक ने दावा किया है कि वह बेगुनाह हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वह मुख्यमंत्री की बदले की राजनीति के शिकार हैं तथा उन्हें अपनी जान का भय है। प्रदेश भाजपा ने भी उनके दावे का समर्थन किया है।
आरोप का खंडन करते हुए उपमुख्यमंत्री प्रिस्टोन टिनसोंग ने कहा कि सरकार पुलिस को कानून के अनुसार काम करने की छूट देती है। उन्होंने कहा, ‘‘ कानून कानून होता है और उस पर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि व्यक्ति किस पार्टी से है तथा वह सरकार का हिस्सा है या नहीं। दुखद चीजें हुई हैं और हम कानून को अपना काम करने देंगे।’’

गुप्त सूचना पर हुई थी कार्रवाई
पुलिस ने पहले कहा कि उसने गुप्त सूचना के आधार पर छापा मारकर नाबालिगों को मुक्त कराया, और फार्म हाऊस से शराब की बोतलें, कंडोम और दर्जनों कारें जब्त कीं।मराक के विरूद्ध भादंसं तथा अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम 1956 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप हैं। उनके विरूद्ध मेघालय में 2000 के शुरुआती समय से 25 से अधिक आपराधिक मामले चल रहे हैं।वह अब अस्तित्व में नहीं रहे सशस्त्र विद्रोही संगठन एएनवीसी (बी) के अध्यक्ष रह चुके हैं। एएनवीसी (बी) आचिक नेशनल वोलंटियर काउंसिल का पृथक धड़ा रहा है। बाद में वह भाजपा में शामिल हुए और उन्होंने तूरा से जनजातीय परिषद चुनाव जीता।

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