Mukhtar Ansari News: लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को साल 2020 के जमीन हड़पने के मामले में माफिया से राजनेता बने मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम न्यायालय के विशेष न्यायाधीश गौरव कुमार ने कहा कि जांच में मुख्तार अंसारी की संलिप्तता साफ थी और इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि वह मुकदमे के दौरान गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका खारिज
इस मामले में एफआईआर 27 अगस्त, 2020 को स्थानीय क्षेत्र के राजस्व अधिकारी सुरजन लाल ने हजरतगंज थाने में दर्ज कराई थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि जियामऊ इलाके में जमीन का एक टुकड़ा मोहम्मद वसीम के नाम पर दर्ज किया गया था, जो पाकिस्तान चला गया था और उसकी जमीन सरकार के राजस्व रिकॉर्ड में शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज की गई थी।
UP: मुख्तार अंसारी को मिली जमानत, बांदा जेल में है बंद, अभी नहीं हो पाएगी रिहाई
हालांकि मुख्तार अंसारी और उनके बेटों द्वारा कथित तौर पर जमीन पर कब्जा कर लिया गया था और सरकार से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई थी। इससे पहले मुख्तार अंसारी की ओर से जमानत अर्जी में दावा किया गया था कि वह निर्दोष है और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उसे मामले में फंसाया गया है। अभी मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है।
अभी बांदा जेल में बंद है मुख्तार अंसारी
गौरतलब है कि जेल में बंद मुख्तार अंसारी न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि दूसरे राज्यों में भी 50 से अधिक आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है। बीएसपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी हिस्ट्रीशीटर हैं और उन्हें जबरन वसूली के आरोप में रोपड़, गाजीपुर, मऊ, आगरा और लखनऊ की अलग-अलग जेलों से ट्रांसफर किया गया था।