डी कंपनी मामले में एनआईए ने छोटा शकील के सहयोगी सलीम फ्रूट को किया गिरफ्तार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) डी कंपनी मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी सलीम कुरैशी उर्फ ​​सलीम फ्रूट को गिरफ्तार कर लिया। यह छोटा शकील का सहयोगी है। 

NIA arrested Chhota Shakeel's associate Salim Fruit in D Company case
गैंगस्टर छोटा शकील का सहयोगी गिरफ्तार 

मुंबई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार (04 अगस्त) को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी सलीम कुरैशी उर्फ ​​सलीम फ्रूट को गिरफ्तार कर लिया। जो गैंगस्टर छोटा शकील का सहयोगी है। इसकी गिरफ्तारी उसी मामले में हुई है जिसके तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता नवाब मलिक को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह जेल में हैं।

इस साल फरवरी में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत सलीम कुरैशी से पूछताछ की थी। ईडी ने सलीम फ्रूट को इस साल फरवरी में तलब किया था और मुंबई में उनकी संपत्तियों के दस्तावेजों के साथ जांच में शामिल हुआ था। 14 मई को, एनआईए ने कुरैशी को हिरासत में लिया। उसके और दाऊद इब्राहिम के अन्य सहयोगियों द्वारा किए गए जमीन सौदे के संबंध में उसका बयान दर्ज किया। उसे मई में एनआईए ने हिरासत में लिया था।

सलीम फ्रूट ने ईडी को बताया कि छोटा शकील ने 1995-96 में भारत छोड़ दिया था और तब से वह पाकिस्तान में है। छोटा शकील अपने साथियों फहीम मचमच (मृतक), नाजिद भरूची, नासिर कालिया (मृतक) के जरिए रंगदारी का रैकेट चलाता था। मैं 2006 तक तीन-चार बार कराची में छोटा शकील से मिलने गया था। उसके बाद मैं कभी भी उनके संपर्क में नहीं रहा। छोटा शकील और दाऊद इब्राहिम कराची के क्लिफ्टन में गाजी शाह पीर मजार के पास रहते थे।

एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत 3 फरवरी, 2022 को धारा 17 (आतंकवादी कृत्य के लिए धन जुटाने की सजा), 18 (साजिश की सजा), 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होने की सजा), 21 (अपराध की आय रखने की सजा), 38 (आतंकवादी संगठन की सदस्यता से संबंधित अपराध) और 40 (एक आतंकवादी संगठन के लिए धन जुटाने के अपराध) के तहत एफआईआर दर्ज की थी।

एफआईआर में दाऊद इब्राहिम, हाजी अनीस, छोटा शकील, जावेद चिकना और टाइगर मेनन के नाम हैं। इसमें उल्लेख किया गया है कि दाऊद इब्राहिम ने भारत छोड़ दिया और अपनी बहन हसीना पारकर और अन्य के माध्यम से भारत में अपनी आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित करना शुरू कर दिया।
 

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