नई दिल्ली: ओडिशा में 22 साल पहले हुए सनसनीखेज गैंगरेप मामले के मुख्य आरोपी को सोमवार को महाराष्ट्र से पकड़ लिया गया है। इस मामले में एक IFS अधिकारी की पत्नी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। इस मामले ने बड़ा ध्यान आकर्षित किया था। तब राज्य के मुख्यमंत्री जानकी बल्लभ पटनायक को इस्तीफा देना पड़ा था।
पहचान बदलकर छिपा हुआ था
पुलिस के अनुसार, बिबेकानंद बिस्वाल उर्फ बीबन को महाराष्ट्र के लोनावाला में आमबी घाटी से पकड़ा गया। उसने जालंधर स्वैन की नकली पहचान बना ली थी और वहां प्लंबर का काम कर रहा था। पुलिस ने तीन महीने पहले बीबन को पकड़ने के लिए 'ऑपरेशन साइलेंट वाइपर' लॉन्च किया था। पुलिस कमिश्नर सुधांशु सारंगी ने बताया, 'जांच के दौरान, हमें पता चला कि मुख्य आरोपी मुंबई-पुणे रोड पर लोनावाला में आमबी वैली में छिपा है, वह प्लंबर का काम कर रहा है। अपना स्थायी पता कटक के नारनपुर बताया करता था, जब हमने जांच की तो पता लगा की नारनपुर में कोई जालंधर स्वैन नाम का व्यक्ति नहीं है।'
1999 में हुई इस घटना ने प्रदेश भर में आक्रोश पैदा कर दिया था। मामले में कुल तीन व्यक्ति आरोपी थे। उनमें से दो प्रदीप साही और धीरेंद्र मोहंती को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें दोषी ठहराया गया था, जबकि बीबन दो दशकों से फरार था। साही का पिछले साल फरवरी में निधन हो गया था जबकि मोहंती अभी भी चौधवार की जेल में सजा काट रहा है।
मुख्यमंत्री को देना पड़ा था इस्तीफा
तीनों ने 9 जनवरी, 1999 को एक IFS अधिकारी की पत्नी जब एक पत्रकार मित्र और ड्राइवर के साथ कार में कटक जा रही थी तब उसे रोका गया। ड्राइवर को कार को बारंगा में एक एकांत स्थान पर ले जाने के लिए मजबूर किया गया जहां उन्होंने उसके साथ घंटों तक बलात्कार किया। गैंगरेप की जांच ने राज्य में पूरे राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया और इसके चलते तत्कालीन सीएम जेबी पटनायक ने इस्तीफा दे दिया था। बीबन को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है, जो मामले की जांच कर रही है।