नई दिल्ली: रोहिणी जिला अदालत विस्फोट मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक ने पुलिस हिरासत में एक जहरीले पदार्थ का सेवन करके कथित तौर पर आत्महत्या की कोशिश की है और फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि आरोपी जिसका नाम भारत भूषण कटारिया (47) है, उसका का एम्स में इलाज चल रहा है और उनकी हालत फिलहाल स्थिर है। भारत भूषण कटारिया को 17 दिसंबर को दिल्ली में रोहिणी जिला अदालत के अंदर 9 दिसंबर को कम तीव्रता वाला बम रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, भारत भूषण कटारिया का एम्स में इलाज चल रहा है और वह पूरी तरह से स्थिर हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि डीआरडीओ के वैज्ञानिक ने जहरीला पदार्थ पी लिया और पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अब आरोपी वैज्ञानिक डॉक्टर की निगरानी में है और आरोपी की हालत स्थिर है। पुलिस सूत्रों ने बताया, 'चाहे उसने कुछ पिया हो या कुछ पीने का नाटक किया हो, यह जांच के बाद सामने आएगा। फिलहाल आरोपी वैज्ञानिक ठीक है और निगरानी में है।' पुलिस सूत्रों ने बताया कि कटारिया पूछताछ के दौरान लगातार पुलिस को गुमराह कर रहा है।
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पुलिस को कर रहा है गुमराह
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 'वैज्ञानिक पूछताछ के दौरान लगातार पुलिस को गुमराह कर रहा है। जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज दिखाया और कहा कि क्या वह वकील की पोशाक में था? वैज्ञानिक ने कहा कि ऐसा लगता है कि मैं वहां गया हूं। जब पुलिस ने उससे पूछा कि आपने ब्लास्ट के बाद वहां क्या किया और कहां गए वैज्ञानिक ने कहा, मुझे कुछ भी याद नहीं है।' पुलिस को संदेह है कि वैज्ञानिक ने रोहिणी जिला अदालत में घटना की योजना बनाई थी और इसके लिए भी तैयार था कि अगर वह पकड़ा गया तो क्या किया जाए।
9 दिसंबर को रोहिणी कोर्ट परिसर में एक लैपटॉप बैग में कम तीव्रता वाला विस्फोट हुआ था। घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। हालांकि, अदालत के एक कर्मचारी को मामूली चोटें आईं और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में मामले की जांच स्पेशल सेल को सौंपी गई। दिल्ली पुलिस ने पुलिस के अनुसार सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 17 दिसंबर को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। 88 से अधिक कैमरों को स्कैन किया गया और विस्फोट से कुछ मिनट पहले संदिग्ध को अदालत कक्ष से बाहर आते देखा गया। दिल्ली पुलिस द्वारा विश्लेषण किए गए सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, यह देखा गया था कि वैज्ञानिक को दो बैग मिले थे और सुरक्षा तंत्र को धोखा देने के लिए उसने एक अलग रास्ता अपनाया और एक बैग कोर्ट रूम के अंदर रख दिया।