Unnao Gangrape: 95 फीसद जलने के बाद भी पीड़िता ने नहीं मानी थी हार, लेकिन मौत को नहीं दे सकी मात

क्राइम
Updated Dec 07, 2019 | 07:53 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Unnao Gang rape victim died: उन्नाव की गैंगरेप पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पीड़िता की बहादुरी के किस्से सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

unnao rape victim died
उन्नाव रेप पीड़िता की मौत  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने आखिरी सांस तक नहीं मारी हिम्मत लेकिन तोड़ दिया दम
  • आरोपियों के द्वारा जलाए जाने के बाद 1 किमी तक उसी अवस्था में दौड़ी थी पीड़िता
  • 95 फीसद तक जलने के बाद भी पुलिस को उसी अवस्था में फोन कर किया सूचित

नई दिल्ली : उन्नाव की गैंगरेप पीड़िता ने आखिरकार दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझते हुए दम तोड़ दिया। एक बार फिर से देशवासियों का गुस्सा इस पर उबल पड़ा है। गैंगरेप पीड़िता को लेकर अब कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं जो दिल दहलाने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आरोपियों के द्वारा जलाए जाने के बाद भी गैंगरेप पीड़िता ने अपनी बहादुरी का परिचय दिया था।

ये उसकी बहादुरी और साहस ही थी कि जब आरोपियों ने उसे जलाया था तब वह उसी हालत में करीब 1 किमी तक दौड़ती रही। इस क्रम में उसने खुद ही 100 नंबर पर डायल कर के पुलिस को अपने साथ ही बर्बरता की सूचना दी और मदद की गुहार लगाई। पीड़िता की तरफ से जानकारी मिलने पर पुलिस फिर घटनास्थल पर पहुंची। 

गैंगरेप पीड़िता के ये थे आखिरी शब्द
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जली हुई अवस्था में ही वह भागी जा रही थी और बचाओ-बचाओ चिल्ला रही थी। वह आग के लपटों की पूरी तरह चपेट में थी बावजूद उसने जीने की इच्छा नहीं छोड़ी और मरते दम तक कहती रही कि उसे जीना है। उसने आखिरी तक अपने परिजनों से कहा कि आरोपियों को मत छोड़ना।  

बताया जाता है कि पीड़िता ने रास्ते में ही किसी से फोन मांग कर पुलिस को फोन किया जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। इस जघन्य वारदात में पुलिस ने 2 नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर लिखे।

भाई को अंत में कहा- हैवानों को मत छोड़ना

आखिरी दम तक गैंगरेप पीड़िता ने जीने की अपनी इच्छा नहीं छोड़ी थी। उसके आखिरी शब्द थे- मैं जीना चाहती हूं। आपको बता दें कि पीड़िता ने शुक्रवार रात 11.40 बजे सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। 95 फीसदी तक जलने के बाद भी उसने जीने की इच्छा नहीं छोड़ी थी और उसने अपने भाई से कहा था कि वह मरना नहीं चाहती है, आरोपियों को वे ना छोड़ें।

95 फीसदी से ज्यादा जल चुका था शरीर
उसे 5 आरोपियों ने जिंदा जलाने की कोशिश की थी जिसके बाद उसे लखनऊ अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर जो पीड़िता का इलाज कर रहे थे उन्होंने बताया कि पीड़िता जब अस्पताल पहुंची तो वह 95 फीसदी जली हुई थी उसकी हालत बेहद नाजुक थी जिसके कारण उसे लगातार वेंटिलेटर पर रखा जा रहा था। 

2018 में हुई गैंगरेप का शिकार
बता दें कि उन्नाव की पीड़िता के साथ दिसंबर 2018 में गैंगरेप किया गया था। इस मामले में लेकिन मार्च 2019 में केस दर्ज किया गया था, इसी केस में सुनवाई के लिए पीड़िता गुरुवार को कोर्ट जा रही थी उसी दौरान रास्ते में घात लगाए आरोपियों ने उस पर केरोसिन डालकर उसे जिंदा मार डालने की कोशिश की। 

अगली खबर