Unnao rape case: पीड़िता के पिता की मौत के मामले में कुलदीप सेंगर दोषी, रेप मामले में हो चुकी है सजा

क्राइम
लव रघुवंशी
Updated Mar 04, 2020 | 13:34 IST

Unnao rape case: न्यायिक हिरासत में हुई उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की मौत के मामले में अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया है। उसे रेप केस में पहले ही सजा हो चुकी है।

Kuldeep Singh Sengar
कुलदीप सिंह सेंगर 
मुख्य बातें
  • जून, 2017 में 17 साल की नाबालिग लड़की का भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने बलात्कार किया
  • अप्रैल, 2018 में बलात्कार पीड़िता के पिता पर कुछ लोगों ने मारपीट कर जानलेवा हमला किया
  • 16 दिसंबर, 2019 को अदालत ने आरोपी कुलदीप सेंगर को नाबालिग लड़की से बलात्कार का दोषी करार दिया, सह आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया गया

नई दिल्ली: दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव रेप केस की पीड़िता के पिता की मौत मामले में दोषी ठहराया है। अदालत ने 6 अन्य को भी इस मामले में दोषी ठहराया है, जबकि 4 अन्य को कोर्ट ने बरी कर दिया है। पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल 2018 को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी।

हालांकि सेंगर को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया गया है। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा कि सेंगर का पीड़िता के पिता की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था। उनकी बेरहमी से पिटाई की गई जिससे उनकी मौत हो गई।

रेप केस में मिल चुकी है आजीवन कारावास की सजा
इससे पहले पिछले साल दिसंबर के महीन में अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सीबीआई ने सेंगर को आजीवन कारावास की सजा देने की मांग की थी। कोर्ट ने सेंगर पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।

नाबालिग के साथ किया था रेप
सेंगर ने 4 जून 2017 को नाबालिग के साथ रेप किया था और उस वक्त पीड़ित लड़की 17 साल की थी। सेंगर पर आरोप है कि उन्होंने पीड़ित लड़की के पिता को झूठे हथियार केस में फंसाकर गिरफ्तार कराया। पीड़ित लड़की की पिता की मौत नौ अप्रैल 2018 को न्यायिक हिरासत में हुई। गत 28 जुलाई को पेशी पर जाते समय पीड़ित लड़की की कार का दुर्घटना हुआ। इस हादसे में लड़की के दो परिजनों की मौत हो गई जबकि पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए।

CBI ने की जांच
पूर्व बीजेपी विधायक पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस चला। पीड़िता के परिवार ने इस केस की निष्पक्ष सुनवाई की मांग की थी जिसके बाद उन्नाव रेप केस को उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित किया गया। यूपी पुलिस के बाद इस केस की जांच सीबीआई ने की।  

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